1.अगर आप किसी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं तो गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र में सुबह के समय आक की जड़ को साफ कर लें और इसे पानी के साथ पीस लें। फिर इस पेस्ट को रुई के साथ मिलाकर बत्ती बनाएं और उसे दीपक में डालकर काजल तैयार कर लें। इसके बाद इस काजल को गणपति जी के मूल मंत्र के साथ अपनी आंखों पर लगा लें। इससे लोग आपकी ओर खिंचने लगेंगे।
2.जिनके पास पैसा नहीं टिकता है व हमेशा रुपयों की तंगी बनी रहती हैं उन्हें इससे बचने के लिए अपने घर के मुख्य दरवाजे पर आक की जड़ को काले कपड़े में लपेटकर लटका देना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं आएगी। साथ ही घर में सुख—समृद्धि में वृद्धि होगी।
3.अगर आपके बच्चे को बार—बार नजर लग जाती है तो इससे छुटकारा पाने के लिए सफेद आक की जड़ को गणपति जी के मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या ‘ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः’ से 108 बार जाप करते हुए अभिमन्त्रित करके बच्चे को गले में पहनाना चाहिए। इससे नजरदोष से बचाव होगा।
4.अगर किसी पर भूत—प्रेत बाधा है तो उन्हें सफेद आक की जड़ बांधनी चाहिए। इससे धारण करने से पहले जड़ को बजरंगबली के चरणों में रखकर उनके किसी भी सिद्ध मंत्र से अभिमंत्रित कर लेना चाहिए। ऐसा करने से प्रेत बाधा आपको छू भी नहीं पाएगी।
5.अगर बुरी नजर की वजह से बच्चे की तबियत अक्सर खराब रहती है तो रवि पुष्य या गुरु पुष्य के दिन श्वेत आक के 11 फूलों की माला बनाकर बच्चे को पहनाना चाहिए। 6.यदि घर की बरक्कत रुक गई हो और सारे काम बिगड़ रहें हो तो सफेद आक की जड़ को गणेश जी के सामने रखें। अब इसे पूजा के बाद अपनी तिजोरी में रख दें। इससे धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाएंगी।
7.आक का उपाय सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी है। जिन लोगों को शारीरिक कमजोरी लगती है उन्हें आक की जड़ का रस पीने से लाभ होगा। 8.जिन्हें कान में दर्द रहता है या बुखार है तो सफेद आक की जड़ को पीसकर इसके रस को पीने से ज्वर ठीक हो जाएगा। साथ ही इसके लेप को कान के पास रखने से दर्द से छुटकारा मिलेगा।
9.सफेद आक का पौधा आसानी से कहीं भी मिल सकता है। वैसे अधिकतर यह शुष्क और ऊंची भूमि में देखने को मिलता है। सफेद आक का पौधा करीब 5 फुट चौड़ा और 7 फुट ऊंचा होता है। इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं। सामान्य आक के पत्ते हरे रंग के होते हैं, लेकिन सफेद आक के पत्ते सफेद रंग के ही होते है।
10.सफेद आक का प्रयोग ज्यादातर तंत्र विद्या में किया जाता है। इसमें फूल भी होते हैं। इसकी जड़ से निकलने वाले दूध से कई ज्योतिषीय क्रियाएं सम्पन्न होती हैं।