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निर्मला सीतारमण के बजट में दिखी इंदिरा गांधी की झलक, इन 10 मुद्दों पर रही समानता

Budget 2019 Highlights : साल 1970 में इंदिरा गांधी ने संसद में बजट पेश किया था, ऐसा करने वाली वो पहली महिला नेता थीं
साल 2019 के बजट में ग्रामीणों, किसानों और आर्थिक व्यवस्थाओं को सुधारने पर दिया गया जोर

Jul 05, 2019 / 01:45 pm

Soma Roy

निर्मला सीतारमण के बजट में दिखी इंदिरा गांधी की झलक, इन 10 मुद्दों पर रही समानता

नई दिल्ली। साल 1970 में संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से पेश किए आम बजट के बाद अब दूसरी बार किसी महिला ने बजट पेश किया है। देश को विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए इंदिरा गांधी ने आज से करीब 49 पहले कई अहम कदम उठाए थे। कुछ वैसी ही झलक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में भी देखने को मिली। इंदिरा ने अपने बजट में ग्रामीण इलाकों, किसानों और शिक्षा के विस्तार पर ज्यादा जोर दिया था। निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट में इन बिंदुओं पर फोकस किया है। तो क्या रहीं इन दोनों के बजट में समातनाएं आइए जानते हैं।
1.इस पुरुष प्रधान समाज में खुद को साबितकर देश की तत्तकालीन प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री इंदिरा गांधी ने 28 फरवरी 1970 में बजट पेश किया था। ऐसा करने वाली वो देश की पहली नेता थीं। उन्हीं की तरह आज संसद में निर्मला सीतारमण ने साल 2019 का आम बजट पेश किया। ऐसा करके दोनों ने ही महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश किया।
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2.चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में किसानों की स्थिति को मतबूत करने के लिए इंदिरा गांधी ने कृषि से जुड़ी योजनाओं पर करीब 39 करोड़ का बजट पास किया था। वहीं निर्मला सीतारमण ने भी किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 10 हजार उत्पाद संघ बनाए जाने की बात कही है।
3.इंदिरा गांधी ने बजट में केंद्र सरकार की योजनाओं के खर्च में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसमें सड़कों के विकास से लेकर शिक्षा जगत में सुधार आदि कार्य शामिल थे। निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट में इन मुद्दों पर फोकस करते हुए रोजाना लगभग 135 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा देश भर में सड़क बनाने को लेकर 80, 250 करोड़ रुपए का बजट तय किया है।
4.इंदिरा गांधी ने साल 1970 में पेश किए अपने बजट में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नए स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के निर्माण पर जोर दिया था। निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बहीखाते में भी शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया गया। उन्होंने शिक्षा नीति में बदलाव के लिए अनुसंधान पर ज्यादा जोर दिया। इसके लिए उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए 400 करोड़ रुपए की घोषणा की है।
5.इंदिरा गांधी ने आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारतीय कंपनियों के शेयरों के लाभांश पर 1 हजार रुपए तक की छूट को बढ़ाकर 3 हजार रुपए तक कर दिया था। वहीं निर्मला सीतारमण ने साल के अंत तक अर्थव्यवस्था को 3 लाख डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।
7.इंदिरा गांधी ने बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान कर शहरी विकास परिषद अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के गठन की घोषणा की थी। वहीं निर्मला सीतारमण ने भी साल 2022 तक हर एक को घर मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए 3.5 लाख रुपए तक की छूट देने का भी ऐलान किया है।
8.इंदिरा गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन की राशि को 40 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। जबकि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में खुदरा दुकानदारों के लिए पेंशन देने की योजना बनाई है। इसके तहत तीन करोंड लोगों को फायदा होगा।
9.इंदिरा गांधी ने अपने बजट में परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने पर भी जोर दिया था। इसके लिए 84 करोड़ का बजट रखा था। इसमें संचार व्यवस्था भी शामिल थी। निर्मला सीतारमण ने भी इस क्षेत्र में कई बदलाव किए हैं। इससे उद्यमियों को भी लाभ मिलेगा। इसके तहत ई वाहन खरीदारी पर छूट देने की घोषणा की गई है। जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर किया गया है।
10.इंदिरा गांधी के बजट में केंद्र व राज्य सरकार की सिक्योरिटीज, रूरल डिबेंचर्स, बैंकिंग कंपनियों में डिपॉजिट्स और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट एकाउंट्स समेत कुछ अन्य फाइनेंसियल एसेट्स में निवेश व्यवस्था को लाया गया था। वहीं निर्मला सीतारमण ने बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई पर ध्यान दिया। इसके अलावा उन्होंने हाउसिंग संबंधित चीजों का नियंत्रण आरबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है।

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