1- 2004 में प्रतिभा पाटिल ( Pratibha Patil ) के भाई जी.एन पाटिल को जलगांव ज़िला कांग्रेस कमिटी का चेयरमैन बनाया गया। 2005 में कांग्रेस कमिटी के चुनाव हुए। जी.एन पाटिल के सामने खड़े थे जलगांव कॉलेज के प्रोफेसर वी.जी पाटिल। प्रतिभा पाटिल के भाई उस चुनाव में 13 वोटों से हार गए। 21 सितंबर 2015 को वी.जी पाटिल की हत्या हो गई आरोप लगा जी.एन पाटिल पर। प्रतिभा पाटिल पर इस केस में अपने भाई को बचाने का इलज़ाम लगा था। 2015 तक चली सीबीआई की लंबी जांच में प्रतिभा पाटिल के भाई को दोषी पाया गया।
2- एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, बतौर राष्ट्रपति विदेशी दौरों पर सबसे ज्यादा खर्च प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के दौरान हुआ। उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी दौरों पर लगभग 205 करोड़ रुपए खर्च हुए। ये भी आरोप लगे कि जब वे विदेश जाती हैं तो उनके साथ उनके रिश्तेदार भी जाते हैं। हालांकि, सरकार ने उनका बचाव करते हुए कहा कि ये सामान्य चलन है।
3- प्रतिभा पाटिल पर आरोप लगा था की उनकी अंतिम विदेश यात्रा पर करीब 18 करोड़ रुपए का खर्चा आया था।
4- प्रतिभा पाटिल की रिटायरमेंट के वक्त एक और आरोप उन पर लगा था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिटायरमेंट के वक्त प्रतिभा पाटिल ने महाराष्ट्र में अपने लिए निवास स्थान की मांग की थी। इस पर विपक्ष ने जमकर विरोध किया। तब उन्होंने कहा कि -“ऐसी मांग करने वाली मैं पहली राष्ट्रपति तो नहीं हूं, इससे पहले कई राष्ट्रपतियों ने निवास स्थान की मांग की है।” जिसके बाद तय हुआ कि पुणे में उन्हें ज़मीन दी जाए।
5- ज़मीन की मांग के बाद विवाद और बढ़ गया। पुणे में उन्हें 2.6 लाख वर्ग फीट का एक आवास आवंटित हुआ। लेकिन इसके बाद फौजियों के लिए काम करने वाली एक संसथा ने इलज़ाम लगाया कि जो ज़मीन प्रतिभा पाटिल को आवंटित हुई है वो जमीन शहीदों की विधवाओं के लिए आरक्षित है। इस इलज़ाम के चलते प्रतिभा पाटिल ने आवंटित स्थान छोड़ दिया। उसके बाद वे 4 हज़ार 500 वर्ग फीट के आवास में शिफ्ट हो गईं।
6- बतौर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 35 से ज्यादा दया याचिकाओं को स्वीकार किया। विरोधियों ने कहा इसमें ऐसे केस भी थे जिनमें आरोपियों पर बच्चियों पर बलात्कार या हत्या के इलज़ाम थे।
7- इसी क्रम में उन पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मर चुके रेपिस्ट को भी ‘जिंदगी’ दे दी थी। दरअसल, 5 साल पहले ही मर चुके एक रेपिस्ट हत्यारे की फांसी की सजा को उन्होंने उम्रकैद में बदल दिया था जिसके बाद उनका खासा विदोध हुआ था।
8- इसके साथ ही प्रतिभा पाटिल पर एक आरोप और लगा जिसमें कहा गया कि उन्होंने उस समय के राजनितिक शिष्टाचार का पालन नहीं किया। बतौर राष्ट्रपति उन्हें जो तोहफे मिले थे उन्हें वे अपने साथ पुणे के आवास पर ले गईं।
9- एक आरटीआई के मुताबिक, पाटिल राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद अपने साथ 150 गिफ्ट ले गई थीं।
10- साल 2011 में राजस्थान के पंचायत और वक्फ राज्यमंत्री अमीन खां ने कार्यकर्ताओं को समर्पण की सीख देते-देते ऐसा कुछ कह दिया था िक बवाल हो गया था। पाली जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि “देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई संभालती थीं। इसी वफादारी के नतीजे में सोनिया गांधी ने उन्हें राष्ट्रपति बना दिया।” हालांकि अमीन खां के इस बयान के बाद उनकी खूब आलोचना हुई।