बड़ी कार्रवाई: बिना अनुमति नलकूप खनन कर भू-जल का दोहन करने वाले उद्योग को नोटिस, 32 अन्य की भी जांच
भिलाई . जिले में भू-जल स्तर तेजी से गिर रहा है। पीएचई के सर्वे के मुताबिक भू-जल स्तर डेढ़ मीटर नीचे जा चुका है। वहीं उद्योगों में बिना अनुमति भू-जल का जमकर दोहन किया जा रहा है। केन्द्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के निर्देशों को लागू करने के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
कलेक्टर अंकित आनंद के निर्देश पर समिति ने धमधा रोड पर अरसनारा के शीतल रिफाइनरिज में जांच की। जहां बिना अनुमति के नलकूप खनन का मामला पाया गया। यहां 6 इंच की बोर में 2.5 इंच का डिलीवरी पाइप पाया गया। बोर की अनुमति सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से नहीं ली गई है। पानी के उपयोग के लिए जल संसाधन विभाग से अनुबंध भी नहीं किया गया है। वाटर रिचार्ज की भी व्यवस्था नहीं की गई है। इस पर उद्योग संचालक को नोटिस जारी किया गया है।
32 उद्योगों सूची बनाई,जांच करने जाएंगे अधिकारी
समिति के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में धमधा के आसपास व धमधा रोड पर स्थित 19 उद्योगों के साथ जिले की 32 औद्योगिक इकाईयों का निरीक्षण किया जाएगा। इसकी सूची बनाई गई है। इन उद्योगों में बिना अनुमति के भू-जल के दोहन करने की शिकायत मिली है। जांच में बिना अनुमति नलकूप खनन व बिना अनुबंध ग्राउंड वाटर का इस्तेमाल पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
जांच समिति में ये अधिकारी हैं शामिल
कलेक्टर अंकित आनंद ने पर्यावरण प्रोटेक्शन एक्ट 1986 की धारा (4) के तहत केन्द्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के निर्देशों को लागू करने समिति का गठन किया है। समिति में पीएचइ के इइ समीर शर्मा, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक अमित श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ पर्यावरण सुरक्षा मंडल के अधिकारी नंदकुमार पटेल, विद्युत मंडल के कार्यपालन अभियंता एडी टंडन व जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता शशांक तिवारी शामिल हैं।
बचा है यहां सिर्फ चार दिन का पानी
शिवनाथ नदी के महमरा एनीकटमें अब चार दिन का पानी बचा है। निगम प्रशासन की मांग पर खरखरा जलाशय से पानी छोड़ा गया है पर धार नहीं पहुंची है। जलाशय से छोड़ा गया पानी महमरा एनीकट से करीब 40 किलोमीटर दूर सुरगी-भरदा के पास ही रूक गया है। नदी सूखी होने की वजह से पानी की धार तेजी ने आगे नहीं बढ़ रही है। महमरा एनीकट से दुर्ग निगम को हर दिन 36 और भिलाई निगम को 77 एमएलडी पानी सप्लाई की जा रही है। अगर जलाशय का पानी पहुंचने में देरी हुई तो दुर्ग-भिलाई में पेयजल सप्लाई पर असर पड़ सकता है।
Published on:
02 May 2019 12:12 pm
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