दुर्ग

पत्रिका अभियान – लाखों खर्च कर बनाया मिनी स्टेडियम, मैदान खेलने लायक नहीं, दीवारें भी हो गई कंडम

नगर निगम द्वारा लाखों खर्च कर बैगापारा में बनाया गया मिनी स्टेडियम देखभाल और मरम्मत के अभाव में यह जर्जर हो गया है। हालात यह है कि मैदान खेलने लायक भी नहीं रह गया है। वहीं सुरक्षा के अभाव में स्टेडियम असमाजिक तत्वों ने अड्डा बन गया है।

दुर्गSep 08, 2022 / 08:43 pm

Hemant Kapoor

मिनी स्टेडियम देखभाल और मरम्मत के अभाव में यह जर्जर हो गया है

शहर के खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने व खेल आयोजनों को बढ़ावा देने के मकसद से अलग-अलग हिस्सों में मिनी स्टेडियम बनाया गया है। करीब 20 साल पहले इस क्रम में बैगापारा क्षेत्र में खेल के प्रति रूझान को देखते हुए मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया था। शुरूआत में यहां कई बड़े खेल आयोजन भी किए गए, लेकिन यह अब अनदेखी का शिकार हो गया है। हालात यह है कि निगम प्रशासन द्वारा पिछले 10 सालों में मरम्मत के नाम पर एक रुपए भी खर्च नहीं किया जा सका है।

टॉयलेट बनाना भूल गए जिम्मेदार
मिनी स्टेडियम में बैगापारा क्षेत्र कबड्डी, क्रिकेट, फुटबॉल के खिलाड़ी नियमित अभ्यास करते हैं। खासकर शाम के समय यहां बड़ी संख्या में खिलाड़ी पहुंचते हैं, लेकिन स्टेडियम में उनके लिए पीने की पानी तक की व्यवस्था नहीं हैं। निर्माण के दौरान जिम्मेदार अफसर स्टेडियम में टॉयलेट बनाना ही भूल गए।

सीमेंट की परत उखड़ी, रोशनी भी कम
स्टेडियम की मरम्मत नहीं किए जाने से गैलरी से सीमेंट की परत उखडऩी शुरू हो गई है। रोशनी के लिए हाइमास्ट लगाई गई है, लेकिन कम वोल्टेड की एलइडी के कारण पर्याप्त रोशनी नहीं होती। हाईमास्ट के अक्सर बंद रहने की शिकायत रहती है। गेट 2 और 3 जंग लगने के कारण सड़ गए हैं।

बन गया है शराब खोरी का अड्डा
स्टेडियम में पूरे दिन असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। हालात यह है कि दिन में भी लोग खुलेआम शराब खोरी करते हैं। इसके अलावा नशे में धूत लोग स्टेडियम के भीतर व बाहर बैठे रहते हैं। रात में स्टेडियम परिसर में अवांछितों का जमावड़ा रहता है।

केवल बजट में होती रही मरम्मत
ऐसा नहीं है कि स्टेडिमय की मरम्मत के प्रयास नहीं किए गए, लेकिन यह कार्य हर साल बजट में ही चलता रहा। छत्तीसगढ़ मंच से जुड़े खिलाडिय़ों की मांग पर पूर्व परिषद द्वारा यहां मरम्मत के लिए बजट में 50 लाख का प्रावधान किया गया था। यह प्रावधन बजट में कई सालों तक चलता रहा, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।

बनाया जा सकता है बेहतर
छत्तीसगढ़ मंच व शतरंज संघ के ईश्वर राजपूत कहते हैं िक स्टेडियम में अभी भी खिलाडिय़ों आते हैं, ऐसे में मामूली व्यवस्था कर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। पेयजल, घास उगाने के लिए बोर व मोटर, स्टेडियम की गेट की मरम्मत व सुरक्षा के लिए गार्ड के अलावा पर्याप्त रोशनी, गैलरी व दीवार की मरम्मत व साप्ताहिक सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए।

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