यह भी पढ़ें : CG Election 2023 : पाटन में भूपेश vs विजय, गृहमंत्री साहू के बेमेतरा जाने के अटकलों पर विराम ऐसे समय में जबकि इस विद्यालय में आचार संहिता के उल्लंघन की कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं एक और गंभीर आरोप लग गया है। शिकायत के अनुसार घटना 13 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास की है। यहां स्टाफ रूम में महिला शिक्षिका (प्रधानपाठक) विभागीय कार्य कर रही थी। इसी दौरान सूनेपन का फायदा उठाते हुए बदनीयती से विद्यालय के एक व्याख्याता ने उनसे अचानक छेड़छाड़ (बैड टच) करना शुरु कर दिया।
यह भी पढ़ें : CG Election 2023 : भाजपा का चुनाव प्रचार आज से पकड़ेगा जोर, राजनांदगांव से अमित शाह आज करेंगे शुरुआत इसका शिक्षिका ने विरोध किया। प्राचार्या ने संज्ञान लेने के बजाय आरोपी का लिया पक्ष शिकायत के अनुसार जब छेड़छाड़ की इस घटना की जानकारी शिक्षिका ने प्राचार्या को दी तो उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेने के बजाय आरोपी व्याख्याता का पक्ष लेते हुए कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते । शिक्षिका ने प्राचार्या से कहा कि वे आरोप की पुष्टि के लिए सीसीटीवी कैमरे का फुटेज देख लें। लेकिन उन्होंने बजाय कार्रवाई करने के इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देने व किसी को लिखित शिकायत नहीं करने के लिए दबाव बनाया।
यह भी पढ़ें : Navratri Puja 2023 : एक चिंगारी.. 10 हजार दीपों से जगमग महामाया का आंगन, अनेक रूपों में दर्शन देंगी मां दुर्गा शिक्षिका को उन्होंने चुपचाप घर जाने के लिए बोल दिया। शिकायत संबंधी आवेदन नहीं लिया जब शिक्षिका ने प्राचार्या से इस घटना की लिखित शिकायत करते हुए आवेदन देना चाहा तो उन्होंने आवेदन लेने से ही इनकार कर कर दिया। यहां तक कहा कि जिसको शिकायत करना है कर दो। उन्होंने घटना का सीसीटीवी फुटेज देने से भी मना कर दिया। बोलीं मैंने फुटेज देख लिया है ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
पुलिस कर रही जांच कोतवाली थाना प्रभारी महेश धु्रव ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना सत्य पाए जाने पर आरोपी को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जांच में फुटेज गायब इस मामले की शिकायत पर शिक्षा विभाग विशाखा कमेटी से जांच कराएगा। दूसरी तरफ पुलिस ने जांच में सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग देखा तो उसमें घटना की रिकार्डिंग नहीं मिली।
ऐसे में पुलिस यह मानकर चल रही है कि फुटेज हटाकर साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है जो कि एक गंभीर अपराध है। ऐसे में साक्ष्य मिटाने व इसमें सहयोग करने वाले भी पुलिस की जांच के दायरे में आ जाएंगे। इधर इस पूरी घटना से विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं का स्टाफ डरा हुआ है और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।