इधर दोनों की कार्यक्रम के लिए दोनों ही दल के नेता पूरी ताकत से तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस नेताओं ने प्रियंका की सभा को लेकर राजीव भवन में बैठक की और जिम्मेदारी तय की। इसके साथ सभा स्थल पर जाकर मौका मुआयना भी किया। वहीं भाजपा के नेता करीब सप्ताहभर पहले से मंडलवार बैठक कर रहे हैं। जिला स्तर पर पहले ही बैठक कराई जा चुकी है। भाजपा की परिवर्तन यात्रा 20 को जिले में प्रवेश करेंगी। 20 को धमधा, अहिवारा और वैशाली नगर में सभा होगी। वहीं 21 को दुर्ग, दुर्ग ग्रामीण और पाटन में यात्रा के साथ सभा होगी।
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Weather Alert : आकाशीय बिजली का कहर… ताबड़तोड़ बारिश में सायकल चला रहे युवक की मौत, इलाके में छाया मातम महिला सम्मेलन के चलते टला प्रवचन भिलाई के जयंती स्टेडियम के पास ही 22 सितंबर से पंडित धीरेंद्र शास्त्रत्त्ी का प्रवचन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन बताया जा रहा है इसे अब टाल दिया गया है। हालांकि आयोजकों द्वारा इसके लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्रत्त्ी की व्यस्ततता को कारण बताया जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों का कार्यक्रम स्थल एक होने से तैयारी संभव नहीं था। महिला सम्मेलन के तत्काल बाद प्रवचन के लिए पंडाल तैयार करना संभव नहीं था।
भाजपा की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रदेश सरकार की विफलता गिनाने निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा में शामिल होंगी। भाजपा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उलझाकर प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार से रोकने की जुगत भिड़ा रही है। इसी के चलते केंद्रीय मंत्री को विशेष तौर पर पाटन के परिवर्तन यात्रा में शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री परिवर्तन रथ के साथ पतोरा, सेलूद होकर पाटन पहुंचेंगी और पाटन में जनसभा को संबोधित करेंगी।
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रायपुर की एक दिन की कलेक्टर रहीं श्रीकृति दीवान का निधन, कर रही थी यूपीएससी की तैयारी इधर परिवर्तन सभा के स्थल पर विवाद दुर्ग में समृद्धि बाजार के पास प्रस्तावित परिवर्तन सभा के स्थल को लेकर मंगलवार को विवाद की स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा के नेता जब कार्यक्रम की तैयारी के लिए यहां पहुंचे तो कुछ स्थानीय लोगों ने हॉकी मैदान के लिए जगह आवंटित होने का हवाला देकर आपत्ति दर्ज कराई। विवाद के चलते मौके पर पुलिस भी बुलानी पड़ी। प्रशासनिक अधिकारियों ने आपत्तिकर्ताओं से आवंटन के पत्र मांगे लेकिन वे दिखा नहीं पाए। जबकि भाजपा नेताओं के पास विधिवत सभा के लिए अनुमति पत्र था। अधिकारियों की समझाईश पर मामला शांत हुआ।