28 जुलाई को गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय नया रायपुर से कलेक्टर को आदेश हुआ है। चिटफ ंड कंपनियों से पीडि़त निवेशकों की धन वापसी के लिए आवेदन पत्र लेने प्रोफ ार्मा (आवेदन) का प्रारुप भेजा है। दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने एडीएम बीबी पंचभाई को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आवेदन जमा करने के लिए कलेक्टरोट में एक विशेष काउंटर बनाया गया। 2 से 6 अगस्त तक निवेशक अपने आवेदन भरकर जमा कर सकते है। एडीएम पंचभाई ने बताया कि दो दिन में 50 आवेदन आ चुके हैं। आगे चलकर और भी काउंटर बढ़ाए जाएंगे। दुर्ग वरिष्ठ कोषाधिकारी राघवेन्द्र कुमार प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है। प्रभारी अधिकारी के पर्वेक्षण में कर्मचारियों को आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसमें आदिवासी विकास शाखा कर्मचारी कीर्ति रामटेके, नरेश साहू, जितेन्द्र वर्मा, कृषि विभाग के डाटा इंट्री ऑपरेटर लोकेश साहू शामिल हैं।
इन दस्तावेजों के साथ जमा करें फॉर्म
पत्र में एक ही प्रकार का प्रोफॉर्मा (आवेदन) है। उसे भरकर कलेक्टरोट के काउंटर पर जमा करना है। इसमें बांड पेपर की फ ोटो कॉपी या बांड पेपर कंपनी में जमा किया जा चुका है तो उसकी पावती, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटो कॉपी संलग्न करना होगा। पैसा वापसी के लिए बैंक पासबुक और आधार कार्ड जमा करना आवश्यक है।
पत्र में एक ही प्रकार का प्रोफॉर्मा (आवेदन) है। उसे भरकर कलेक्टरोट के काउंटर पर जमा करना है। इसमें बांड पेपर की फ ोटो कॉपी या बांड पेपर कंपनी में जमा किया जा चुका है तो उसकी पावती, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटो कॉपी संलग्न करना होगा। पैसा वापसी के लिए बैंक पासबुक और आधार कार्ड जमा करना आवश्यक है।
40 कंपनियों के खिलाफ 50 प्रकरण दर्ज
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग में 40 कंपनियों ने कारोबार खोला। भोले-भाले लोगों को दोगुनी रकम का लालच देकर उनसे निवेश करवाया। झांसे में आकर करीब 3500 निवेशकों ने 40 अलग-अलग कंपनियों में करीब 55 करोड़ की राशि इनवेस्ट कर दी। कंपनी रुपए लेकर भाग गई। ठगी के शिकार हुए निवेशक धीरे-धीरे पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचने लगे। अब तक 50 प्रकरण 40 कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुआ है।
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग में 40 कंपनियों ने कारोबार खोला। भोले-भाले लोगों को दोगुनी रकम का लालच देकर उनसे निवेश करवाया। झांसे में आकर करीब 3500 निवेशकों ने 40 अलग-अलग कंपनियों में करीब 55 करोड़ की राशि इनवेस्ट कर दी। कंपनी रुपए लेकर भाग गई। ठगी के शिकार हुए निवेशक धीरे-धीरे पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचने लगे। अब तक 50 प्रकरण 40 कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुआ है।
16 करोड़ की राशि एक कंपनी ने लौटाई
दुर्ग पुलिस ने चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई की। इसकी वजह यह रही कि कोलकाता बीआर चिटफं ड कंपनी ने 16 करोड़ रुपए हितग्राहियों के लौटा दिए। वहीं शुष्क इंडिया चिटफंड कंपनी पैसे लौटा रही है। इसका प्रकरण विचाराधीन है। बहुत जल्द ही पुलिस इसे क्लीयर कर लेगी।
दुर्ग पुलिस ने चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई की। इसकी वजह यह रही कि कोलकाता बीआर चिटफं ड कंपनी ने 16 करोड़ रुपए हितग्राहियों के लौटा दिए। वहीं शुष्क इंडिया चिटफंड कंपनी पैसे लौटा रही है। इसका प्रकरण विचाराधीन है। बहुत जल्द ही पुलिस इसे क्लीयर कर लेगी।
आंकड़े
– 40 चिटफंड कंपनी के खिलाफ जुर्म दर्ज
– 50 प्रकरण जिले के अलग-अलग थाना में दर्ज
– 3500 निवेशक कंपनियों के झांसे में फंस गए हैं
– 23 प्रकरण में कुर्की के लिए आदेश
-1 नया प्रकरण दर्ज हुआ है।
– 40 चिटफंड कंपनी के खिलाफ जुर्म दर्ज
– 50 प्रकरण जिले के अलग-अलग थाना में दर्ज
– 3500 निवेशक कंपनियों के झांसे में फंस गए हैं
– 23 प्रकरण में कुर्की के लिए आदेश
-1 नया प्रकरण दर्ज हुआ है।
नियुक्त किया है नोडल अधिकारी
कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने बताया कि गृह विभाग द्वारा जारी निर्धारित प्रपत्र में ंधन वापसी करने आवेदन पत्र प्राप्त करने एडीएम बीबी पंचभाई को नोडल अधिकारी बनाया है। 6 अगस्त तक हितग्राही काउंटर में फॉर्म जमा कर सकते है। आवेदन लेने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एसपी दुर्ग प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि जिन हितग्राहियों ने चिटफंड कंपनियों में पैसे निवेश किया है, लेकिन उसके खिलाफ शिकायत नहीं की है, उन नए हितग्राहियों के लिए शासन ने आवेदन जारी किया है। वे निवेशक फॉर्म भरकर जमा करें ताकि उनके पैसे लौटाए जा सके।
कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने बताया कि गृह विभाग द्वारा जारी निर्धारित प्रपत्र में ंधन वापसी करने आवेदन पत्र प्राप्त करने एडीएम बीबी पंचभाई को नोडल अधिकारी बनाया है। 6 अगस्त तक हितग्राही काउंटर में फॉर्म जमा कर सकते है। आवेदन लेने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एसपी दुर्ग प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि जिन हितग्राहियों ने चिटफंड कंपनियों में पैसे निवेश किया है, लेकिन उसके खिलाफ शिकायत नहीं की है, उन नए हितग्राहियों के लिए शासन ने आवेदन जारी किया है। वे निवेशक फॉर्म भरकर जमा करें ताकि उनके पैसे लौटाए जा सके।