PDS Rice Black Marketing: अधिकारी तस्करों पर ठोस कार्रवाई
वहीं खाद्य विभाग के अधिकारी तस्करों पर ठोस कार्रवाई करने से कतराते हैं। मंगलवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पीडीएस चावल के संदेह में ऑटो सीजी 07 सीएस- 4398 को वैशालीनगर थाना के पास रोक लिया। चालक से पूछताछ की। उसने बताया कि गाड़ी सूरज गुप्ता की है, जिसमें भरा पीडीएस चावल भी उसी का है। गायत्री मिल में खाली करने बोला है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने गाड़ी को थाना में खड़ी करवा दिया। पुलिस ने मामले की सूचना पर खाद्य विभाग को दी। खाद्य निरीक्षक चंद्रकांत बघेल थाना पहुंचे। 22 कट्टा चावल की गिनती की। चावल में फोर्टिफाइड मिक्स था। सैंपल लिया और कार्रवाई का आश्वासन देकर चले गए। पूर्व में भी सूरज गुप्ता का चावल एक किराए के मकान में पकड़ाया था। खाद्य विभाग की जांच में पीडीएस चावल की पुष्टि भी हुई। खाद्य विभाग ने कलेक्टर के पास फाइल बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
पीडीएस के चावल की कालाबाजारी
PDS Rice Black Marketing: इधर गायत्री मिल के संचालक लिकाश मित्तल का कहना है कि मेरे मिल में उसना चावल बनाता है। मैं कोचियों से चावल नहीं लेता। चालक बोल रहा है तो उसके लिए मैं कुछ नहीं कह सकता है। एक दलाल ने बिना नाम छापने की शर्त पर बताया कि रोज 100 टन पीडीएस चावल की कालाबाजारी की जा रही है। प्रति क्विंटल 27 रुपए में मिलर को कोचिए बेच रहे है। यानी 2 करोड़ 70 लाख रुपए की रोज शासन को चपत लगाई जा रही है।इन थाना क्षेत्रों में चावल की काला बाजारी
सूत्रों के मुताबिक खुर्सीपार, भिलाई-तीन, छावनी, जामुल, वैशाली नगर, सुपेला, टाउनशिप एरिया में भट्ठी, भिलाई नगर, नेवई, दुर्ग, मोहन नगर पद्मनाभपुर, नेवई और उतई थाना क्षेत्रों में पीडीएस चावल की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। यहां तीन दर्जन से अधिक कोचिए सक्रिय हैं। इसी तरह दुर्ग भिलाई को मिलाकर एक दर्जन से अधिक दलाल भी सक्रिय हैं। जिसके माध्यम से दुकानों में पहुंचने से पहले चावल की हेराफेरी करते की जाती है। यह भी पढ़ें