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धान बेचने नए किसानों को कराना होगा तहसीलदार के पास पंजीयन, दस दिन में एक भी किसान नहीं आए

समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए नए किसानों का पंजीयन जरूरी है। इसके बिना समितियों में धान की खरीदी नहीं की जाएगी।

दुर्गAug 24, 2018 / 11:54 pm

Bhuwan Sahu

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धान बेचने नए किसानों को कराना होगा तहसीलदार के पास पंजीयन, दस दिन में एक भी किसान नहीं आए

दुर्ग . समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए नए किसानों का पंजीयन जरूरी है। इसके बिना समितियों में धान की खरीदी नहीं की जाएगी। पंजीयन शुरू हुए दस दिन बीत गए पर तहसील कार्यालयों में पंजीयन का खाता ही नहीं खुला है। तहसीलदारों के पास पंजीयन के लिए किसानों को दो माह का समय दिया गया है।
समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री के लिए किसानों को हर साल सहकारी समितियों में पंजीयन कराना होता है। इसके लिए आवेदन पत्र के साथ किसानों को खेती का रकबा, धान के प्रकार, पैदावार की संभावना आदि सहित 20 बिन्दुओं में जानकारी देना होता है। मौजूदा खरीफ सीजन के लिए नए किसानों के पंजीयन16 अगस्त से शुरू हो गया है। किसानों का पंजीयन 15 अक्टूबर तक किया जाएगा।
इसलिए पंजीयन की जरूरत

धान खरीदी में कोचियों द्वारा गड़बड़ी की शिकायत रहती है। इस पर रोक के लिए शासन की ओर से पंजीयन का प्रावधान किया गया है। पंजीयन से वास्तविक किसानों व उनके खेती के रकबे की जानकारी सामने आ जाती है। पंजीयन में किसानों के फोटो पहचान पत्र अनिवार्य है।
पुराने किसानों का पटवारी करेंगे सत्यापन

पिछले साल के पंजीकृत किसानों को इस बार पंजीयन नहीं कराना पड़ेगा। इसकी जगह उनके पुराने पंजीयन को रि-न्यू कर लिया जाएगा, लेकिन इन किसानों के रकबा आदि का सत्यापन पटवारियों द्वारा कराया जाएगा। इसके लिए पटवारियों को किसानों की सूची सौंपी गई है।
जिले में 1.25 लाख किसान परिवार

जिले में लगभग 1 लाख 25 हजार किसान परिवार हैं,जो खरीफ में धान की खेती करते हैं। इनमें से करीब 70 से 75 हजार किसान समितियों में समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करते हैं। हर साल 4 से 5 हजार नए व संशोधन वाले पंजीयन कराए जाते हैं।
यह दस्तावेज अनिवार्य

फोटोयुक्त पहचान पत्र : (एपिक कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड में किसी एक की फोटो कापी)

पंजीयन के लिए यह ब्योरा जरूरी
किसानों का नाम व पता, समिति सदस्यता क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक, ऋण पुस्तिका क्रमांक, बैंक का आइएफसीएस कोड, लोन अकाउंट नंबर, किसान के पास कुल भूमि का रकबा, धान का रकबा, धान को बेचने की अनुमानित तिथि, अधिया या रेगहा में दी गई भूमि का रकबा, जिसे दी गई उस किसान का नाम जरूरी है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सीईओ संतोष निवसरकर ने बताया कि पुराने पंजीकृत किसानों को नए सिरे से पंजीयन की जरूरत नहीं है। उनका पंजीयन रि-न्यू कर लिया जाएगा। नए व संशोधन वाले किसानों को तहसीलदार के माध्यम से पंजीयन जरूरी है। अभी तक किसी भी नए किसान के पंजीयन की जानकारी नहीं है।

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