इसके पहले हुई बैठक में एफएसएनएल, भिलाई से महाप्रबंधक त्यागी, यूनियन से अरुण सिंह सिसोदिया, बोकारो से एके सिंह, विशाखापट्टनम से राजशेखर, दुर्गापुर से प्रभात चटर्जी, रणजीत शर्मा, बर्नपुर से एस भट्टाचार्य, हरजीत सिंह दुर्गापुर से राउरकेला से नायक मौजूद थे।
Nationwide Strike: सेल में विलय से होता यह फायदा
40 साल से एफएसएनएल, सेल को निर्विवाद व निर्बाध रूप से अपनी बहुमूल्य सेवाऐं दे रहा है। एफएसएनएल ने सेल में स्लैग व स्क्रैप प्रोसेसिंग से आयरन व स्टील स्कैप की रिकवरी की जाती है। इसे सेल ने अपने संयंत्रो में विभिन्न लौह उत्पाद बनाने में उपयोग किया जाता है। एफएसएनएल से स्लैग व स्कैप रिकवारी से स्टील प्लांट को कच्चे माल की बचत होती है। यह भी पढ़ें
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वर्ष कुल राजस्व कर पूर्व लाभ
2018-19 378.42 41.09 2019-20 409.9 46.02 2020-21 364.97 32.06 2021-22 415.39 54.18 2022-23 413.16 51.35विनिवेश से सरकार को घाटा
Nationwide Strike: एफएसएनएल ने प्रतिवर्ष सरकार को औसतन 25 से 35 करोड़ लाभांश के तौर पर दिया, वहीं भारत सरकार इसमें मात्र 32 करोड़ का निवेश किया। कम लागत में अधिक लाभ देने वाली संस्था है। निजीकरण के बाद स्क्रैप माफिया के लिए सरकारी संयंत्रों में घुसपैठ का मौका मिल जाएगा। भिलाई, फेरो स्क्रैप वर्कर्स यूनियन, अध्यक्ष अरुण सिंह सिसोदिया का कहना है कि फेरो स्क्रैप वर्कर्स यूनियन की मांग है कि 5 साल से कम सेवा जिनका बाकी है, ऐसे कर्मियों को ऐच्छिक सेवा निवृत्ति दें। 5 साल से अधिक वाले करीब 200 कर्मचारियों को अन्य सेल के संयंत्र में शिट कर उनका रोजगार तय करें। निजीकरण के खिलाफ में 28 से हड़ताल पर जाने की तैयारी है।