दुर्ग

घुमंतू मवेशियों का कारण हुई दुर्घटना तो तय होगी अफसरों की जवाबदेही, की जाएगी एक पक्षीय कार्रवाई

सड़कों पर घुमंतू मवेशियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए अब संबंधित अधिकारियों की जबावदेही तय की जाएगी। ऐसे मामलों को सीधे तौर पर कर्तब्यों के निर्वहन में चूक माना जाएगा और संबंधित अफसर के खिलाफ एक पक्षीय विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

दुर्गJul 28, 2024 / 12:03 pm

Hemant Kapoor

सड़कों पर घुमंतू मवेशियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए अब संबंधित अधिकारियों की जबावदेही तय की जाएगी

सड़कों पर घुमंतू मवेशियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए अब संबंधित अधिकारियों की जबावदेही तय की जाएगी। ऐसे मामलों को सीधे तौर पर कर्तब्यों के निर्वहन में चूक माना जाएगा और संबंधित अफसर के खिलाफ एक पक्षीय विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

तत्काल प्रभावी कदम उठाने की हिदायत


हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में राज्य शासन की ओर से सभी जिला प्रशासन, नगर निगमों और नगर पालिका परिषदों व ग्राम पंचायतों के अधिकारियों सहित सभी हितसाधकों को सड़कों पर घुमंतू पशुओं के खतरे को रोकने प्रभावी कदम उठाने के लिए आदेश जारी किया गया है। आदेश में दुर्घटना की स्थिति में जवाबदेही के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

इधर सड़कों पर बेखौफ घूम रहे मवेशी


राज्य शासन के निर्देश से पहले ही शहर में नगर निगम प्रशासन द्वारा घुमंतू मवेशियों की धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन यह अभियान महज खानापूर्ति साबित हो रहा है। इसके चलते शहर में बड़ी संख्या में मवेशी सड़कों पर घूमते हुए देखे जा सकते हैं। बाजार इलाकों के अलावा जीई रोड, पुलगांव बायपास मार्ग के अलावा बोरसी इलाके में बड़ी संख्या में मवेशी बेखौफ घूम रहे हैं।

आप भी दिखाए जागरूकता


सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर सिंह के मुताबिक आम नागरिक भी थोड़ी जागरूकता दिखाकर घुमंतू मवेशियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने में रोल अदा कर सकता है। सड़कों पर पाए जाने पर मवेशियों के मालिकों पर अधिनियम की धारा 340 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना का प्रावधान है। ऐसा नहीं किए जाने पर कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 152 के तहत नगर निगम अथवा पहचान होने पर मवेशी के मालिक के खिलाफ न्यूसेंस का मामला दर्ज करा सकता है। दुर्घटना की स्थिति में सिविल सूट दायर कर क्षतिपूर्ति का दावा भी किया जा सकता है।

पिछले साल हुई थी छह लोगों की मौत


पशुओं के सड़कों पर विचरण से दुर्घटना के फलस्वरूप वर्ष 2021 में तीन, 2022 में दस व 2023 में छह लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पिछले साल दो आवारा सांडों की लड़ाई के कारण शिव नगर डोंगिया तालाब पार निवासी रूखमीन बाई (80 वर्ष) की मौत हो गई थी। सांडों की लड़ाई में एक अन्य महिला के पैर में भी चोट आई थी।

शहर की सड़कों पर 3000 से ज्यादा मवेशी


निगम प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक शहर में 3 हजार से ज्यादा लावारिश मवेशी हैं। इनमें से अधिकतर 24 घंटे सड़कों पर घूमते रहते हैं। जीई रोड के अलावा इंदिरा मार्केट, पटरीपार सिकोला सब्जी मार्केट व धमधा रोड, पुलगांव के आसपास मवेशियों का ज्यादा जमावड़ा रहता है। सर्वाधिक परेशानी की स्थिति बाजार इलाके में होती है।

आवारा मवेशियों के कारण यह नुकसान


0 आवारा मवेशी सड़कों पर भटकते हैं, इससे ट्रेफिक जाम और दुर्घटना का खतरा होता है। गौठान में मवेशियों को रखने से यह समस्या लगभग खत्म हो जाएगी।
0 सड़कों के अलावा, सब्जी व फल बाजार में आवारा मवेशियों का आतंक रहता है। मवेशी फल व सब्जियां चट कर जाते हैं। लोगों को इस परेशानी से राहत नहीं मिल रही।
0 मवेशियों से कारण सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी की भी शिकायत रहती है। आवारा मवेशियों के नियंत्रण से यह समस्या भी खत्म हो जाएगी।
0 शहर के भीतर अभी भी अवैध खटाल चल रहे हैं। आवारा मवेशियों की धरपकड़ नहीं होने से खटाल संचालक मवेशियों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। इन पर नियंत्रण बेहद जरूरी।

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