दुर्ग

सबसे बड़ा खुलासा, जेल से गैंगस्टर तपन चला रहा अपराध का सरकार, 20 गुर्गे अंदर तो 100 गुर्गों का बाहरी नेटवर्क कर रहा कंट्रोल

गैंगस्टर तपन सरकार ने जेल जाने के बाद वहीं से अपराध का नेटवर्क फैलाना शुरू किया। पुलिस को इसके अहम सुराग हाथ लगे हैं।

दुर्गJul 07, 2018 / 12:00 pm

Dakshi Sahu

सबसे बड़ा खुलासा, जेल से गैंगस्टर तपन चला रहा अपराध का सरकार, 20 गुर्गे अंदर तो 100 गुर्गों का बाहरी नेटवर्क कर रहा कंट्रोल

दुर्ग. गैंगस्टर तपन सरकार ने जेल जाने के बाद वहीं से अपराध का नेटवर्क फैलाना शुरू किया। पुलिस को इसके अहम सुराग हाथ लगे हैं। गैंगस्टर के 20 गुर्गे छोटे अपराधों में जेल जाते हैं। वहां तपन उनके साथ उगाही करने और दहशत कायम रखने की साजिश रचता है। यह गुर्गे आसानी से जमानत कराकर बाहर आ जाते हैं।
२० गुर्गे आते रहते हैं जेल
बाहर तपन के नेटवर्क में 100 गुर्गे काम कर रहे हैं। इन्हीं के जरिए वह अपराध की दुनिया में अपना दबदबा कायम रखता है। पुलिस को शुरूआती जांच में मालूम चला है कि जो 20 गुर्गे हैं वह पिछले दस माह में करीब 15 दिन के अंतराल में जेल आते-जाते रहे हैं।
गैंगस्टर तपन सरकार के जेल से फैलाए गए अवैध कारोबार से लेकर उसको अपराध की दुनिया में जमे रहने में सहयोग करने वाले पुलिस और जेल अधिकारियों के नेटवर्क का खुलासा करने की तैयारी हो गई है।
दुर्ग रेंज आइजी जीपी सिंह ने इस मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। इसमें पुलिस, क्राइम ब्रांच और आइटी सेल के अधिकारियों को रखा गया है। एसआइटी तपन सरकार के इशारे पर अपराधिक गतिविधियों के साथ ही जमीन के बड़े सौदों में उसके दखल और वसूली के धंधे की शिकायतों की जांच करेगी।

पुलिस के पास गैंगस्टर और उसके गुर्गों की कई शिकायतें
तपन के गुर्गों के खिलाफ पुलिस के पास शिकायतों का ढेर लगा है। जमीन खरीदी बिक्री से लेकर ऊगाही, धमकाने संबंधी शिकायते है। सभी शिकायतों की जांच सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। जांच के साथ साथ सबूत भी जुटाए जा रहे हैं ताकि अपराधियों की धरपकड़ जल्द की जा सके।
गैंग की लिस्ट में 100 से ज्यादा गुर्गे
पुलिस अब उन 20 गुर्गों पर नजर रखे है जो तपन के करीबी हैं। जेल से बाहर तपन का काम यही संभाल रहे हैं। इनकी थानावार सूची तैयार की जा रही है। पुलिस की मानें तो तपन ने इनको काम बांट रखे हैं। जमीन के सौदे, संपती पर जबरन कब्जा, धमकी, उगाही से सुपारी लेकर मारपीट व हत्या जैसे संगीन अपराध को अंजाम देते हैं।
यश गु्रप के संचालक को भगाने में तपन का हाथ
यश ग्रुप का संचालक अमित श्रीवास्तव पुलिस कस्टडी से भोपाल में हबीबगंज स्टेशन से फरार हो गया था और चार दिन बाद खुद ही आत्मसमर्पण करके फिर जेल चला गया। पुलिस को अमित के फरार होने में कुछ ऐसे सुराग मिले हैं जो इशारा कर रहे हैं कि तपन के इशारे पर ही अमित को भागने का मौका दिया गया। दरअसल तपन ने जेल में बंद यश गु्रप के संचालकों के साथ मिलकर जमीन के सौदे का षड्यंत्र रचा।
इस सौदेबाजी के लिए यश ग्रुप के संचालक अमित को फरार कराया गया। जिस जमीन का सौदा करने की साजिश थी वह निवेशकों की रकम लौटाने शासन द्वारा सीज यश गु्रप चिटफंड कंपनी की संपति में से है। जिसकी अनुमानित कीमत 16 करोड़ है, जबकि यश ग्रुप के संचालकों ने इसके 100 करोड़ के होने का दावा किया है।
हर पहलू की जांच
आइजी दुर्ग रेंज जीपी सिंह ने बताया कि शिकायतों की सूची लंबी है। हम हर शिकायतों की जांच सूक्ष्मता से कर रहे हैं। जमीन संबंधी शिकायतों के लिए विशेष रूप से एसआइटी का गठन किया है। जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। हर पहलू पर जांच की जा रही है।
पुलिस को शक : जेल स्टाफ की मिलीभगत, सभी पर नजर
पुलिस को चार मोबाइल नंबर मिले हैं जिनके जरिए तपन लोगों से बाहर बात करता है। जेल के भीतर वही तय करता है कि कौन किस बैरक में रहेगा? तपन और उसके गुर्गों की पसंद का खाना अलग से पकाया जाता है। इसमें पुलिस को शक है कि बिना जेल स्टाफ की मिलीभगत के ऐसा संभव नही है, इसलिए जेल स्टाफ पर पुलिस नजर रखे हुए है।

1. गैंगस्टर के खिलाफ जमीन से संबंधित शिकायतों की जांच एसआइटी कर रही है। पुलिस का दावा है कि गैंगस्टर के खिलाफ इस तरह की कई शिकायत हैं। जांच पूरी होने के बाद ही मामले में संबंधित थाना में एफआइआर दर्ज की जाएगी।
2. गैंगस्टर मोबाइल पर जेल से बात करने की शिकायत पुलिस को कई बार मिली है। इसकी जांच पुलिस की आइटी सेल कर रही है।
3. तपन सरकार पर लोगों को धमकाने की शिकायत दर्ज है। जांच करने अलग से टीम गठित की है जिसमें जिले के पुराने और अनुभवी अधिकारी को रखा गया है।

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