भारत माला परियोजना के तहत दुर्ग व नया रायपुर के बीच एक्सप्रेस कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करा रहा है। इसके लिए दावा-आपत्तियों का निराकरण पहले ही किया जा चुका है। अब जल्द जमीन अधिग्रहण व मुआवजा तय किया जाना है। पहले 70, फिर 100 मीटर अधिग्रहण सड़क के लिए इन गांवों में फिलहाल 70 मीटर चौड़ी जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सड़क के लिए चिन्हित जमीन के साथ भविष्य की जरूरत के हिसाब से दोनों ओर 100 मीटर क्षेत्र में अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। इसकी प्रक्रिया बाद भी शुरू की जाएगी।
इन गांवों से गुजरेगी एक्सप्रेस-वे
जिले में सड़क अंजोरा के पास बायपास से शुरू होकर पाटन के ठकुराईनटोला सिपकोन्हा खारून नदी तक जाएगी। इसके बाद यह रायपुर जिले में प्रवेशकर अभनपुर नया रायपुर होकर आरंग तक जाएगी। जिले में अंजोरा, थनौद, पुरई, उमरपोटी, उतई खोपली, पतोरा, मुड़पार, फूंडा, लोहरसी, तुलसी, देमार, बठेना होकर ठकुराइनटोला व सिपकोन्हा तक जाएगी।
कलेक्टर दर से ढाई गुना मुआवजा
केंद्र के राजपत्र में प्रकाशन के बाद जमीन अधिग्रहण पर मुआवजा तय किया जाएगा। हर किसान को जमीन के एवज में ढाई गुना मुआवजा दिया जाएगा। इसमें राजस्व पुस्तिका के अनुसार कलेक्टर दर से दो गुना जमीन का मुआवजा और 50 फीसदी पुनर्वास सहायता शामिल होगा।इस तरह कलेक्टर दर का ढाई गुना राशि किसानों को मिलेगा। एसडीएम दुर्ग, कैलाश वर्मा ने बताया कि बायपास के लिए सर्वे का काम पूरा कर मार्किंग कर लिया गया है। जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव राजपत्र में प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है। जमीन अधिग्रहण के साथ मुआवजा भी तय किया जाएगा।
पहले चरण में इस तरह होगा अधिग्रहण
दुर्ग ब्लॉक में थनौद से लेकर उतई तक 12 गांवों के 635 किसानों की 112.8 31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव है। पाटन में पतोरा से लेकर सिपकोन्हा खारून नदी तट तक 1४ गांवों के 7१४ किसानों के करीब 150 हेक्टेयर जमीन सड़क की जद में आ रही है।
घट जाएगी राजधानी की दूरी- नई राजधानी जाने के लिएफोरलेन पर 35 किलोमीटर रायपुर तक जाना होता है। इसके बाद रायपुर शहर के बीच से 10 से 15 किमी और फिर 25 किमी दूरी तय कर नई राजधानी पहुंचना पड़ता है। यह दूरी घटकर करीब 55 किलोमीटर हो जाएगी।
भीड़ व जाम से मिलेगी मुक्ति – दुर्ग से भिलाई होकर रायपुर जाने के लिए फोरलेन पर भीड़भाड़ से होकर गुजरना पड़ता है। इस बीच फोरलेन पर भिलाई व रायपुर के टोल रोड पर अक्सर जाम की स्थिति बनती है। यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
फोरलेन पर दबाव कम होगा – दुर्ग से रायपुर के बीच फोरलेन पर यातायात का दबाव ज्यादा हो गया है। सड़क बन जाने से नईराजधानी पर आरंग सरायपाली से कोलकाता रूट पर जाने वाली गाडिय़ों को विकल्प मिल जाएगा। इससे दबाव आधा हो जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र का होगा विकास – सड़क दुर्ग-भिलाई के आउटर से होकर निकलेगी और उतई से पाटन तक ग्रामीण इलाके से होकर गुजरेगी। एक्सप्रेस हाइवे से आवागमन की सुविधा के साथ इलाकों का तेजी से विकास होगा।