पड़ोसी राज्य झारखंड,उड़ीसा व महाराष्ट्र में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था नहीं है। वहां खुले बाजार में धान की कीमत कम होती है। कोचिए वहां से धान मंगाकर उस धान को यहां समर्थन मूल्य पर बेचते हैं। धान बेचने के लिए वे किसानों से उनका ऋण पुस्तिका मांग लेते हैं। अन्य प्रदेशों से खरीदे हुए धान कोचिए अंदरूनी सड़कों से परिवहन कर ले आते हैं और यहां छोटे व धान नहीं बेचने वाले किसानों से ऋण पुस्तिका लेकर उनके नाम पर धान समितियों में खपा लेते हैं। किसान थोड़े पैसों की लालच में कोचियों को ऋण पुस्तिका दे देते हैं।
बाहरी धान खपाने में सहकारी समितियों के अधिकारियों व कर्मचारियों से कोचियों की सांठगांठ रहती है। वे किसान के धान छोड़कर कोचियों का धान पहले तौलते हैं। उन्हें बोरे तक उपलब्ध कराते हैं। समितियों में पंजीयन व पुख्ता पड़ताल के बाद ही धान खरीदी की व्यवस्था है। सहकारी समिति के अधिकारी व कर्मचारी मिलीभगत कर कोचियों का धान पिछले दरवाजे से आसानी से खरीदी लेते हैं। खाद्य निरीक्षक सीपी दीपांकर ने बताया कि शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग व कृषि उपज मंडी के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जांच की जा रही है।आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
प्रेम निहाल कचांदूर 8 क्विंटल, तारा वर्मा ढौर 18 क्विंटल, प्रेमचंद मोहंदी 16 क्विंटल, दिनेश कुमार मोहंदी 45 क्विंटल, धनीराम जेवरा-सिरसा 24 क्विंटल, प्रभूराम जेवरा-सिरसा 40 क्विंटल, बसंत गौतमचंद बोड़ेगांव 50 क्विंटल, विकास जैन गोंडपेन्ड्री 46 क्विंटल, खेमचंद धमधा 20 क्विंटल, हितेन्द्र जैन धमधा 25 क्विंटल, खेमगिरी गोस्वामी धमधा 40 क्विंटल, कृष्णाराम चिंगरी 11 क्विंटल, सोनल यादव चिंगरी 18 क्विंटल, खेमनारायण निकुम 22 क्विंटल, राहुल जैन चंदखुरी 24 क्विंटल, पूरन शंकर निकुम 22 क्विंटल, राहुल जैन चंदखुरी 28 क्विंटल, राजेन्द्र राजपूत पुरई 4.5 क्विंटल, राजू राजपूत पुरई 15 क्विंटल, वीरेन्द्र राजपूत पुरई 18 क्विंटल, शिवशंकर साहू उतई 17.2 क्विंटल, धनीराम साहू उतई 9.6 क्विंटल, राजू साहू खोपली 30.8 0 क्विंटल, राजेन्द्र साहू कुम्हली 140 क्विंटल।
कोचियों द्वारा समर्थन मूल्य पर बाहरी धान खपाए जाने का खुलासा कई बार हो चुका है। पिछले साल कुम्हारी में कोचिए का गीला धान खरीद लिया था। समिति प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की थी। इससे अलावा भी खरीदी में गड़बड़ी के मामले आए हैं। एसडी मित्रा मंडी सचिव ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी में बाहरी धान खपाए जाने की आशंका को देखते हुए खरीदी बिक्री वाले जगहों की जांच की जा रही है। इसमें लाइसेंस नियम का उल्लंघन का मामला पाया गया है।
धान खरीदी के दौरान बाहरी धान खपाए जाने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने बाहरी धान के आयात पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है। राइस मिलर्स के बाहरी धान की मिलिंग पर भी रोक लगाई गई है। विशेष स्थिति में बाहर से धान लाने के लिए आला अफसरों की अनुमति
लेनी होगी।
कलक्टर ने पिछले दिनों बैठक लेकर धान खरीदी में गड़बडिय़ों के लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय की है। कलक्टर ने गड़बड़ी पाए जाने पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इसलिए अफसरों ने यह कार्रवाई शुरू की है। खासबात यह है कि खरीदी से पहले जिले में इस तरह की कार्रवाई पहली बार की जा रही है।