गरीब बच्चियों को देखकर होती है पीड़ा
प्रवीण का कहना है कि हर साल नवरात्रि के पर्व पर भारी भरकम राशि उत्सव के दौरान सजावट व अन्य चीजों में खर्च होती है वे भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते है और इसके लिए यथा संभव सहयोग करते भी आ रहे हैं। मगर अपने आसपास बहुत से जरूरतमंद बच्चियों को विभिन्न जरूरत की चीजों के लिए महरूम देखकर उन्हें काफी पीड़ा होती थी। इसी से उनके मन में यह बात आई कि वे अपने स्तर पर अपनी क्षमता अनुसार उन्हें मदद करेंगे।
प्रवीण का कहना है कि हर साल नवरात्रि के पर्व पर भारी भरकम राशि उत्सव के दौरान सजावट व अन्य चीजों में खर्च होती है वे भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते है और इसके लिए यथा संभव सहयोग करते भी आ रहे हैं। मगर अपने आसपास बहुत से जरूरतमंद बच्चियों को विभिन्न जरूरत की चीजों के लिए महरूम देखकर उन्हें काफी पीड़ा होती थी। इसी से उनके मन में यह बात आई कि वे अपने स्तर पर अपनी क्षमता अनुसार उन्हें मदद करेंगे।
कॉपी किताब के साथ पूरा स्टेशनरी सामान
उन्होंने ऐसे जरूरतमंद बच्चियों की मदद के लिए अन्य सक्षम लोगों का ध्यान खींचने नवरात्रि पर नौ कन्याभोज के समय को इस पहल की शुरुआत के लिए चुना। इसके लिए बोरसी दुर्गा उत्सव समिति से जुड़े मानव सखा समिति के मनोज यादव के समक्ष अपनी बात रखी और सन 2016 में वहां से इस मुहिम की शुरुआत की। पहले साल उन्होंने जरूरतमंद 9 बच्चियों को बैग, कॉपी,किताब ,स्टेशनरी समान के अलावा पोशाक भी वितरण किया। इसके बाद और बहुत सी बच्चियां भी सामने आई। इस पर उन्होंने 2017 में 9 बच्चियों को कॉपी, किताब व स्टेशनरी सामान,बांटे वही लगभग डेढ़ सौ बच्चों को कॉपी ,किताब व स्टेशनरी सामान दिए। इस तरह यह सिलसिला निरंतर हर साल चलने लगा। पिछले साल कोरोना के चलते उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 9 जरूरतमंद बच्चियों से संपर्क कर उन्हें स्टेशनरी सामान, मास्क एवं सेनीटाइजर दिया।
उन्होंने ऐसे जरूरतमंद बच्चियों की मदद के लिए अन्य सक्षम लोगों का ध्यान खींचने नवरात्रि पर नौ कन्याभोज के समय को इस पहल की शुरुआत के लिए चुना। इसके लिए बोरसी दुर्गा उत्सव समिति से जुड़े मानव सखा समिति के मनोज यादव के समक्ष अपनी बात रखी और सन 2016 में वहां से इस मुहिम की शुरुआत की। पहले साल उन्होंने जरूरतमंद 9 बच्चियों को बैग, कॉपी,किताब ,स्टेशनरी समान के अलावा पोशाक भी वितरण किया। इसके बाद और बहुत सी बच्चियां भी सामने आई। इस पर उन्होंने 2017 में 9 बच्चियों को कॉपी, किताब व स्टेशनरी सामान,बांटे वही लगभग डेढ़ सौ बच्चों को कॉपी ,किताब व स्टेशनरी सामान दिए। इस तरह यह सिलसिला निरंतर हर साल चलने लगा। पिछले साल कोरोना के चलते उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 9 जरूरतमंद बच्चियों से संपर्क कर उन्हें स्टेशनरी सामान, मास्क एवं सेनीटाइजर दिया।
पत्नी के जन्मदिन पर बांटे राशन
यदु ने बताया कि कोरोनावायरस के दौरान अपनी पत्नी वीना यदु के जन्मदिन पर उन्होंने दर्जनों जरूरतमंद गरीब परिवार को राशन सामग्री भी बांटे थे। उनका कहना है कि कोरोना के दौरान बहुत से बच्चियों के सिर से उनके माता-पिता का छाया चला गया है। इस साल शारदीय नवरात्रि पर उन्होंने इसी तरह की बच्चियों को मदद करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि वे जिस स्कूल में पढ़ाते हैं वहां अध्ययनरत दो बच्चियों को महतारी दुलार योजना के तहत स्टेशनरी सामान अपनी ओर से भेंट किए थे। उन्हें भी नवरात्रि में वे कॉपी, किताब देंगे।
यदु ने बताया कि कोरोनावायरस के दौरान अपनी पत्नी वीना यदु के जन्मदिन पर उन्होंने दर्जनों जरूरतमंद गरीब परिवार को राशन सामग्री भी बांटे थे। उनका कहना है कि कोरोना के दौरान बहुत से बच्चियों के सिर से उनके माता-पिता का छाया चला गया है। इस साल शारदीय नवरात्रि पर उन्होंने इसी तरह की बच्चियों को मदद करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि वे जिस स्कूल में पढ़ाते हैं वहां अध्ययनरत दो बच्चियों को महतारी दुलार योजना के तहत स्टेशनरी सामान अपनी ओर से भेंट किए थे। उन्हें भी नवरात्रि में वे कॉपी, किताब देंगे।
यदु का कहना है कि नवरात्रि पर्व पर माता की सेवा के लिए जितना करना है वह जरूर करें। मगर इसके साथ ही हमारे आसपास साक्षात माता के रूप में मौजूद जरूरतमंद बच्चियों की भी अपनी क्षमता के अनुसार मदद के लिए हाथ बढ़ाकर एक रचनात्मक कार्य में भी योगदान देवें तो मातारानी के साथ ही ऐसी बच्चियों की भी दुआएं मिलेंगी।