कलेक्टर बैठक में रिस्पांस टाइम को लेकर लापरवाही पर बहुत नाराज थे। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज में लगे कोविड वारियर्स मरीजों की नियमित अंतराल पर बेसिक जांच करते रहें। ऑक्सीजन सपोर्ट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करें। यदि किसी अन्य तरह की जटिलताएं दिखे तो हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई करें। साफ-सफाई को लेकर शिकायतों पर कलेक्टर ने कहा कि मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है।
टॉयलेट की नियमित अंतराल में सफाई, फ्लोर सैनिटीजशन के कार्य की मॉनिटरिंग जरूरी है। मरीजों के पीछे नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिलती रहे। कलेक्टर ने कहा कि मॉनिटरिंग जितनी अच्छी होगी और समन्वय जितना अच्छा होगा। रिकवरी रेट उतना ही अच्छा होगा। उन्होंने भोजन की व्यवस्था की विशेष मॉनिटरिंग करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाना रिच प्रोटीन डाइट होना चाहिए। साथ ही रोज इसकी गुणवत्ता का निरीक्षण करें।
यहां ध्यान देना है जरूरी
कलेक्टर के निर्देश का क्या पालन हो रहा है, यह देखने के लिए मौके पर जाकर जायजा लेना जरूरी है। यह जिम्मेदारी जब तक तय नहीं की जाती, तब तक व्यवस्था में सुधार होना आसान नहीं है। मौके पर जायजा लिया जाना चाहिए कि सैनिटाइजेशन करने के लिए मौके पर दवा व मशीन मौजूद है या नहीं। हॉस्पिटल में दाखिल मरीज कह रहे हैं कि एक बेड में जब किसी मरीज की मौत होती है, तो उस बेड में एक नई झिल्ली बिछा देते हैं, मौके पर सैनिटाइजेशन नहीं किया जा रहा है।