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इस तरह किया गया मूल्यांकन
ग्रामों के ओडीएफ. प्लस मॉडल स्व-घोषणा पश्चात् विकासखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय गठित दल द्वारा सभी गांव का सत्यापन कराया गया। इसके बाद वाटरएड एवं समर्थन संस्था द्वारा तृतीय पक्ष सत्यापन के लिए 10 प्रतिशत ग्रामों का रेण्डम सत्यापन कराया गया है। इस प्रकार जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा व पाटन के ओडीएफ. प्लस मॉडल विकासखंड घोषणा के साथ सम्पूर्ण जिला ओडीएफ प्लस मॉडल जिला घोषित किया गया। जिले में 300 ग्राम पंचायतें व 381 ग्राम है। सभी ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिसके अंतर्गत जैविक अपशिष्ट के लिए नॉडेप, वर्मी का निर्माण किया गया है। वहीं अजैविक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए सेग्रीगेशन वर्कशेड, घर-घर कचरा एकत्रीकरण के लिए ट्रायसायकल, प्रत्येक गांव में स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह को संलग्न किया गया है।
ग्रे-वाटर मैनेजमेंट के लिए सभी गांव के सार्वजनिक स्थानों, शाला एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में सोकपिट, किचन गार्डन का निर्माण किया गया है। ग्राम की ऐसे नाली जहां अपशिष्ट जल तालाब या अन्य जल स्त्रोतों में जा रहा है, वहां त्री-स्तरीय जल शुद्धिकरण इकाई का निर्माण किया गया है। ब्लैक-वाटर मैनेजमेंट के लिए जिले में 5 फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया है। सभी ग्रामों में सामुदायिक शौचालयों की व्यवस्था है।