जून में ऐन मौके पर टल गया था सामना
इससे पहले जून में भी इसी तरह के कार्यक्रमों के चलते सीएम भूपेश बघेल और सांसद विजय बघेल के आमने-सामने की स्थिति बन गई थी। तब सीएम भूपेश बघेल पाटन में सत्याग्रह करने पहुंचे थे। वहीं सांसद विजय बघेल बेदखली का विरोध कर रहे व्यापारियों के धरना आंदोलन में शामिल होने वाले थे। इस दौरान दोनों तरफ से जबरदस्त तैयारी की गई थी, लेकिन ऐन मौके पर व्यापारियों ने आंदोलन वापस ले लिया था। इससे मामला टल गया था।
नेताओं से ज्यादा समर्थक मूड में
दोनों नेताओं की पाटन में एक साथ मौजूदगी को देखते हुए दोनों दल के समर्थक भी कोई कसर नहीं छोडऩे के मूड में दिख रहे हैं। सीएम की मौजूदगी के चलते जहां कांग्रेसी उत्साहित हैं। वहीं सांसद विजय के साथ प्रदेश के कई दिग्गज नेता सेलूद पहुंचेंगे ऐसे में भाजपाई भी ताकत झोकने में कसर नहीं छोड़ रहे। भाजपा नेताओं ने बकायदा बैनर पोस्टर इलाके को पाट दिया है। बताया जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल शोक के कार्यक्रम में सेलूद भी जाएंगे।
प्रशासनिक अमले की बढ़ी धुकधुकी
दोनों दिग्गज नेताओं के एक साथ पाटन में मौजूदगी ने प्रशासनिक अमले की धुकधुकी बढ़ा दी है। इस दौरान मामूली चूक भी प्रशासनिक अमले के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है, लिहाजा अधिकारी बेहद सतर्कता से काम कर रहे हैं। तमाम आला अधिकारी रविवार को कई बार सीएम की सभाओं और सांसद के धरना स्थल का जायजा लेने पहुंचे। दोनों नेताओं के सेलूद में संभावित आमने-सामने की स्थिति से बचने सीएम भूपेश बघेल को सेलूद में शोक कार्यक्रम के बाद पतोरा के लिए मानिकचौरी मार्ग से लाए जाने की तैयारी की सूचना है।