बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि शहर में आने वाले वीवीआईपी की सुरक्षा के साथ-साथ उनके खाने पीने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जिस पानी को वे पीते है और प्रवास के दौरान भोजन करते उसकी विधिवत जांच की जाती है। डॉक्टर को पहले प्रमाणित करना होता है कि जो सामान वीवीआईपी को परोसा जा रहा वह खाने योग्य है कि नहीं।
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रवास कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दुर्ग जिला अस्पताल के डॉक्टर एसएन दत्ता द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही उन्हें डायनिग टेबल पर भोजन परोसा गया था।
जाने क्या था विशेष तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भिलाई आए थे। उनकी भिलाई विद्यालय में सभा थी। भोजन व्यवस्था भिलाई होटल में रखा गया था। भोजन बिलकुल सादा था। दाल, रोटी, चार सब्जी बनाया गया था। जिसमें विशेष रुप से भिंडी व दाल फ्राई शामिल था। रोटी में घी व बिना घी की रोटी अलग से रखा गया था। साथ ही विशेष तौर पर देशी मुर्गे का चिकन बनाया गया था पर उन्होंने चिकन को हाथ भी नहीं लगाया।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भिलाई आए थे। उनकी भिलाई विद्यालय में सभा थी। भोजन व्यवस्था भिलाई होटल में रखा गया था। भोजन बिलकुल सादा था। दाल, रोटी, चार सब्जी बनाया गया था। जिसमें विशेष रुप से भिंडी व दाल फ्राई शामिल था। रोटी में घी व बिना घी की रोटी अलग से रखा गया था। साथ ही विशेष तौर पर देशी मुर्गे का चिकन बनाया गया था पर उन्होंने चिकन को हाथ भी नहीं लगाया।
खाए केवल सादा भोजन
प्रधानमंत्री जैसे ही डाइनिंग टेबल में बैठे एसपीजी के अधिकारियों ने पहले डॉक्टर से प्रमाण पत्र लिया। इसके बाद उनके देखरेख में बनाए भोजन की जांच की गई। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद भोजन को गरमा गरम प्रधानमंत्री को परोसा गया, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने थाली में चिकन लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने सादा भोजन ग्रहण किया। बाद में एसपीजी के अधिकारियों ने देशी मुर्गे को खाया।
प्रधानमंत्री जैसे ही डाइनिंग टेबल में बैठे एसपीजी के अधिकारियों ने पहले डॉक्टर से प्रमाण पत्र लिया। इसके बाद उनके देखरेख में बनाए भोजन की जांच की गई। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद भोजन को गरमा गरम प्रधानमंत्री को परोसा गया, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने थाली में चिकन लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने सादा भोजन ग्रहण किया। बाद में एसपीजी के अधिकारियों ने देशी मुर्गे को खाया।