डूंगरपुर

सम्मेद शिखर की पवित्रता बचाने राजस्थान के 2 युवा अन्न त्याग करेंगे

केंद्र व् झारखण्ड सरकार से सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल की सूची से बाहर करने की मांग

डूंगरपुरDec 27, 2022 / 09:12 pm

Mukesh Hingar

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जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में डूंगरपुर जिले के जैन समाज के 2 युवाओं ने अन्न त्याग करने का निर्णय किया है। डूंगरपुर शहर निवासी नीरज जैन और दिव्यांक जैन ने विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन से प्रेरणा लेकर बुधवार से अन्न का त्याग करेंगे। इस दौरान वे अपना नियमित व्यापार और नौकरी करते रहेंगे। नीरज जैन ने बताया कि कि सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने से वहां पर होटलों आदि का निर्माण होगा और पर्यटकों की आवाजाही बढऩे से वहां पर मांस- मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठ गए है। जैन ने बताया कि अगले सप्ताह तक वे भी दिल्ली जाकर उनके अनशन में शामिल होंगे।
नीरज जैन ने बताया कि कि झारखंड स्थित सम्मेद शिखर 20 जैन तीर्थंकरो एवं अनंत संतो का मोक्ष स्थल है। वही सम्मेद शिखर का कण-कण जैन समाज के लिए पूजनीय है लेकिन 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड के तीर्थ सम्मेद शिखर को वन्यजीव अभयारण्य का एक भाग मान कर इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दे दी गई। नीरज जैन ने बताया कि सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने से वहां पर होटलों आदि का निर्माण होगा और पर्यटकों की आवाजाही बढऩे से वहां पर मांस- मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा। पर्यटक गतिविधियों से जैन समाज की आस्था के स्थल सम्मेद शिखर के अपवित्र होने की संभावना को देखते हुए जैन समाज आंदोलन कर रहा है और केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है।

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