मां-पिता भी देंगे ध्यान
कला किट का बच्चे कितना उपयोग कर रहे हैं। इसकी निगरानी के लिए शिक्षकों की जिमेदारी तय की है। वहीं, अभिभावकों से भी अपेक्षा की है कि विद्यार्थियों की कला किट के उपयोग से सृजनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही शिक्षकों एवं संस्था प्रधान के साथ निरन्तर समन्वय बनाए रखना है। कला किट के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे कार्य की नियमित समीक्षा होगी।कपड़ा होगा महंगा! राजस्थान में कपास की आवक 43 फीसद घटी
अभिभावकों से लेना होगा फीडबैक
साथ ही फोन कॉल कर अभिभावकों से फीडबैक लेना होगा। विद्यार्थियों के सृजनात्मक कार्य को कक्षा कक्ष, प्रार्थना स्थल, बालसभा के मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस सृजनात्मक कार्य को पोर्ट फोलियो में संधारित किया जाएगा। विषयाध्यापक को कला किट सामग्री का उपयोग करवाते हुए अधिगम को रुचिकर बनाना होगा।Rajasthan News : शराबी ने किया ऐसा काम, 10 हजार लोग हुए परेशान, जानें क्या है माजरा
यह है उद्देश्य
1- कला के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने के प्रति रुचि उत्पन्न करना।2- विद्यार्थियों में क्रियात्मक व सृजनात्मक कौशल का विकास करना।
3- स्वयं करके ज्ञान सृजन के अवसर उपलब्य कराना।
4- गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना।
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यह सामग्री
1- कलर : (स्कैच-पेंसिल कलर)2- पेन्सिल : 03 नग
3- रबर : 02 नग
4- शॉर्पनर : 01 नग
5- स्कैच बुक : 01 ।