जल्द जारी करें पंचांग
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ऋषिन चौबीसा, प्रवक्ता राजेन्द्रसिंह चौहान एवं जिलाध्यक्ष बलवंत बामणिया ने बताया कि शिविरा पंचांग शिक्षा विभाग की रीढ़ की हड्डी है। यह सत्र की शुरूआत के पहले ही जारी होना चाहिए। इससे शिक्षकों को पूरे सत्र की गाइड लाइन मिल जाए। अब शिक्षकों को पता ही नहीं है कि कब क्या करना है। विभाग को चाहिए कि पंचांग को तत्काल घोषित करें। यह भी पढ़ें – Good News : किसानों की बल्ले-बल्ले, अब खेतों की मेड़ से भी होगी एक लाख रुपए की कमाई
2- 2620 बालिका विद्यालय हैं प्रदेश में।
3- 50 बालक विद्यालय हैं प्रदेश में।
4- 70148 छात्र-छात्रा विद्यालय हो रहे हैं संचालित।
फैक्ट फाइल
1- 72828 राजकीय विद्यालय है पूरे प्रदेश में।2- 2620 बालिका विद्यालय हैं प्रदेश में।
3- 50 बालक विद्यालय हैं प्रदेश में।
4- 70148 छात्र-छात्रा विद्यालय हो रहे हैं संचालित।
सबसे बड़ा सवाल : कब होगा प्रथम मूल्यांकन ?
प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में अमूमन अगस्त में विद्यार्थियों का प्रथम टेस्ट होता है। पर, इस वर्ष अब तक शिविरा पंचांग नहीं आने से सबसे बड़ा सवाल यह है यह मूल्यांकन कब होगा। शिक्षकों को टेस्ट के हिसाब से ही कोर्स कराना होता है। पर, पंचांग जारी नहीं होने से असमंजस है कि विभाग ने गत सत्र 2023-24 का कैलेंडर 22 जून 2023 को जारी कर दिया था। लेकिन, इस बार एक जुलाई को स्कूल खुलने के बाद एक पखवाड़ा हो गया है। शिक्षा विभाग फिलहाल पौधरोपण में ही उलझा हुआ है। ऐसे में विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था बे-पटरी हो रही है। 1- द्वितीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम।
2- सामुदायिक बाल सभा आयोजन।
3- एसएमसी/एसडीएमसी बैठक में वार्षिक कार्ययोजना निर्माण।
4- संस्थाप्रधानों की सत्रारभ वाकपीठ।
5- समुदाय जागृति दिवस आयोजन।
2- सामुदायिक बाल सभा आयोजन।
3- एसएमसी/एसडीएमसी बैठक में वार्षिक कार्ययोजना निर्माण।
4- संस्थाप्रधानों की सत्रारभ वाकपीठ।
5- समुदाय जागृति दिवस आयोजन।