डूंगरपुर पहले परीक्षा परिणाम में देरी। फिर अंकतालिकाएं जारी करने में ढिलाई एवं अब जारी अंकतालिकाओं में त्रुटियों की भरमार। ये कार्यप्रणाली है गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा की। जिसने इन दिनों विद्यार्थियों की नींद उड़ा रखी हैं। ताजा मामला हाल में ही विद्यार्थियों के हाथों में पहुंची बीकॉम की अंकतालिकाओं से जुड़ा हुआ हैं। इसमें घोर लापरवाही से कई विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं में प्रायोगिक के अंक जोड़ दिए हैं, जबकि बीकॉम में प्रायोगिक नहीं होता हैं। अंकतालिकाओं में इनकम टैक्स, कंपनी लॉ एवं मनी एंड फाइनेंशियल सिस्टम विषय में 100-100 अंक के प्रायोगिक का उल्लेख करते हुए अंक प्रदर्शित किए हैं। लापरवाही की हद तो यह है कि अंकतालिकाओं में त्रुटि के चलते उत्तीर्ण विद्याथीZ को भी पूरक की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। बाद में विश्वविद्यालय तक विद्याथीZ पहुंचा एवं सुधार करवाया तो उसे उत्तीर्ण की अंकतालिका थमाई गई। विश्वविद्यालय इसके पीछे मुद्रण त्रुटि कारण बता रहा हैं।
यह तो महज बानगी केस एक- शहर के एक निजी महाविद्यालय के छात्र की कॉमर्स तृतीय वर्ष की अंकतालिका में इनकम टैक्स लॉ के प्रायोगिक का उल्लेख कर 100 में से 48 नंबर दे रखे है। ऐसा ही दो अन्य विषयों में भी प्रायोगिक का उल्लेख हैं। जबकि बीकॉम में प्रायोगिक नहीं होता हैं।
केस दो- निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत बीकॉम तृतीय वर्ष के विद्यार्थी की अंकतालिका में तीन विषय एवं तीन प्रायोगिक का जिक्र कर रखा है। इसमें मनी एंड फाइनेंशियल सिस्टम का प्रायोगिक बताते हुए इसमें 100 में से 62 अंक दे रखे हैं।
केस तीन- निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत बीकॉम तृतीय वर्ष के विद्यार्थी की अंकतालिका में मनी एंड फाइनेंशियल सिस्टम में दूसरे पेपर में विज्ञान के अंक जोड़कर पूरक बता दिया, जबकि अंकतालिका सही कराने पर वो उत्तीर्ण निकला।
110 किलोमीटर की दौड़ अंकतालिकाओं में गड़बडि़यों के बाद परेशान विद्याथीZ डूंगरपुर से बांसवाड़ा तक करीब 110 किलोमीटर की दौड़ लगाकर विश्वविद्यालय तक पहुंच रहे हैं, लेकिन अब भी कई अंकतालिकाओं में सुधार नहीं हो पाया हैं। इससे मानसिक के साथ ही आर्थिक परेशानी भी बढ़ रही हैं।
यह परेशानी भी दे रही दर्द विश्वविद्यालय की ओर से पूर्व में घोषित परीक्षा परिणामों पर आपत्ति के बाद कई ने पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन कर रखा था, लेकिन इसका अब तक परिणाम घोषित नही किया है, जबकि दूसरी ओर विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा आवेदन की तिथि घोषित कर दी है, जिससे विद्याथीZ असमंजस में है कि वे कौन से वर्ष के लिए आवेदन करे। इस मामले में लगातार विद्याथीZ ज्ञापन भी दे रहे है, लेकिन सुनवाई अब तक नहीं हुई हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक प्रथम व द्वितीय वर्ष बीएससी के पुर्नमूल्यांकन का परिणाम जारी नहीं हुआ हैं।
इनका कहना है अंकतालिकाएं पहुंचाने का काम अंतिम चरण में है। अब तक पुर्नमूल्यांकन से जुड़ी कुछ अंकतालिकाओं में मुद्रण त्रुटि सामने आई हैं, जिसमें सुधार करवाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य किसी अंकतालिका में गड़बड़ी है तो उसमें भी सुधार करवा दिया जाएगा। कॉमर्स की अंकतालिका में फॉर्मेट चेंज होने से मिस्टेक हुई हैं।
डॉ मनोज पंड्या, परीक्षा नियंत्रक जीजीटीयू बांसवाड़ा