सीमलवाड़ा निवासी 63 वर्षीय दिलीप पुत्र पदमजी कलाल लंबे समय से कुवैत में होटल व्यवसाय से जुड़े हुए थे। करीब दो सप्ताह पूर्व अस्वस्थ होने पर उन्हें वहां अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान मंगलवार को उनकी मृत्यु हो गई थी। कोरोना महामारी को लेकर कुवैत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक उनके शव का पूर्ण एहतियात के साथ बुधवार को वहीं निस्तारण किया गया।
इधर, कस्बे में परिजनों ने बुधवार को मृतक दिलीप का पुतला बनाकर घर में सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार कुछ समय रखा तथा इसके बाद शव यात्रा के रूप में पुतले को मुक्तिधाम ले जाकर विधि पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के छोटे भाई राजेश कलाल ने बताया कि पुतले के पास उनके भाई की तस्वीर भी रखी गई थी। मुक्तिधाम पर चुंनिंदा परिवारजनों की मौजूदगी में मुखाग्नि का संस्कार किया गया।
जिसने भी सुना, नम हो गई आंखे
पुतले के रूप में दिवंगत का अंतिम संस्कार किए जाने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसने भी यह सुना उसकी आंखे भर आई। उधर, मृतक के परिजनों पर भी दु:ख का पहाड़ सा टूट पड़ा है।
पुतले के रूप में दिवंगत का अंतिम संस्कार किए जाने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसने भी यह सुना उसकी आंखे भर आई। उधर, मृतक के परिजनों पर भी दु:ख का पहाड़ सा टूट पड़ा है।
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कुवैत में हुई इस मृत्यु को कोरोना से जोड़ कर देखा जा रहा है। मृतक के समाज सहित अन्य लोगों में इसी बात की चर्चा है। वहीं परिजन भी इसे लेकर आशंकित हैं, लेकिन अधिकृत तौर पर किसी भी माध्यम से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जिला कलक्टर कानाराम से बात करने पर उन्होंने भी इससे अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रशासन के बाद कुवैत में किसी डूंगरपुरवासी की कोरोना से मृत्यु को लेकर अधिकृत तौर पर कोई सूचना नहीं आई है।
कुवैत में हुई इस मृत्यु को कोरोना से जोड़ कर देखा जा रहा है। मृतक के समाज सहित अन्य लोगों में इसी बात की चर्चा है। वहीं परिजन भी इसे लेकर आशंकित हैं, लेकिन अधिकृत तौर पर किसी भी माध्यम से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जिला कलक्टर कानाराम से बात करने पर उन्होंने भी इससे अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रशासन के बाद कुवैत में किसी डूंगरपुरवासी की कोरोना से मृत्यु को लेकर अधिकृत तौर पर कोई सूचना नहीं आई है।