इसके बाद पुरुष, महिला, बुजुर्ग और बच्चे कुंड की परिक्रमा करते हुए अच्छे स्वास्थ्य, परिवार में सुख-शांति और क्षेत्र में समृद्धि की कामना करते नजर आए। ढोल-बाजों, शंख ध्वनि और डीजे के साथ वाड़ी विसर्जन और नेजा की शोभायात्रा जयकारों के बीच निकली। करीब एक किलोमीटर तक रीछा मार्ग पर विधिवत वाड़ी विसर्जन किया गया।
क्षेत्रीय विधायक उमेश मीणा ने बताया कि नेजा नवरात्रि के दिनों में ही माता के विधिवत एक दण्ड और ध्वजा के रूप में स्थापित किया जाता है। नवरात्रि के दिनों में शक्ति के रूप में इसकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वाड़ी विसर्जन के दौरान यहां नेजा खेला जाता है।
हीरालाल बोसी ने बताया कि वाड़ी विसर्जन को लेकर माताजी के मंदिर परिसर में आसपास के गांवों के ग्रामीणजन पहुंचे थे।