विश्व मस्तिष्क दिवस: जागरूकता का अभियान World Brain Day: Awareness campaign
मस्तिष्क रोगों (Brain diseases) के प्रति लोगों में जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है। डॉ. अरविंद लकेसर, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल जयपुर बताते हैं कि मस्तिष्क रोगों के प्रति सतर्कता आवश्यक है। इसके लिए बीमारी के शुरुआती लक्षणों (Symptoms of brain diseases) पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
मस्तिष्क रोगों के लक्षण: सतर्क रहने की जरूरत Symptoms of brain diseases: need to be alert
मस्तिष्क रोगों (Brain diseases) के शुरुआती लक्षणों में सिर, गर्दन, पीठ या शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द, अंगों का फड़कना, झुनझुनी होना, नजर का कमजोर होना, चक्कर आना, बोलने या निगलने में परेशानी होना, दौरे पड़ना, मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी, कपकपी और याददाश्त में कमी जैसे लक्षण शामिल हैं। ऐसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के उपचार: आधुनिक तकनीक और उन्नत चिकित्सा Treatment of neurological diseases: modern techniques and advanced medicine
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के उपचार की प्रक्रिया रोग की स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करती है। वर्तमान में डॉक्टर फंक्शनल एमआरआई, कंप्यूटेड टोमोग्राफी और पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके बीमारी का सटीक निदान करते हैं। स्ट्रोक के लिए क्लॉट बस्टर ड्रग्स और अन्य उपकरण जो मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को जल्दी से बहाल कर सकते हैं, का उपयोग किया जा रहा है। पार्किंसंस रोग के लिए जीन थेरेपी और डीप ब्रेन स्टिमुलेशन जैसे उपचार उपलब्ध हैं।बचाव और स्वस्थ जीवनशैली: मस्तिष्क रोगों से दूर रहने के उपाय Tips to stay away from brain diseases
न्यूरोलॉजिकल समस्याओं (Neurological problems) से बचाव के लिए कुछ उपाय अपनाना आवश्यक है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल जैसे उपायों को अपनाएं। नियमित रूप से कम से कम सात घंटे की नींद लें। प्रतिदिन कम से कम दो घंटे व्यायाम करें और तनाव प्रबंधन के लिए योग एवं मेडिटेशन करें। वाहन चलाते समय हेलमेट या सीटबेल्ट का प्रयोग करें। अवसाद और चिंता की स्थिति में मनोचिकित्सक से सलाह लें। सोने से दो घंटे पहले स्क्रीन से बचें और निकोटीन और कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों का सेवन न करें। अपने आहार में हरी सब्जियां, फल, दालें, बीन्स, मछली, नट्स और बीज शामिल करें। मस्तिष्क रोगों की बढ़ती संख्या के बीच जागरूकता और सतर्कता बेहद महत्वपूर्ण है। शुरुआती लक्षणों को पहचानकर और सही समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करके, हम इन बीमारियों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच के माध्यम से, मस्तिष्क रोगों से बचाव संभव है।