– 6.1 फीसदी लोगों में सुनने की समस्या है देशभर में – तेज शोर, कान में संक्रमण, बढ़ती उम्र हैं सुनने में कमी के कारण – 65 वर्ष की उम्र में 3 में से एक और 75 वर्ष की उम्र में हर दूसरे व्यक्ति को होती है सुनने की समस्या
Which type of diet is good for hearing : सुनने में कमी की समस्या के मामले अब काफी आने लगे हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार पूरी आबादी के लगभग 6.1 फीसदी लोग सुनने में कमी की समस्या से पीडि़त हैं। यह कान में संक्रमण, तेज शोर, कान की कमजोर नस व उम्र बढऩे के कारण हो सकती है। उम्र से संबधित व नर्व संबंधी दिक्कत को रोकने या ठीक करने का कोई अचूक तरीका या दवा नहीं है। भोजन में 6 तत्त्वों को शामिल रखना फायदेमंद होता है-
Magnesium मैग्नीशियम
यह सुनने में सहायक नर्व व संवेदी कोशिकाओं को तेज शोर के दुष्प्रभाव से बचाता है। यह नुकसानदायक तत्त्व जिन्हें फ्री रेडिकल्स कहते है, उनसे लड़ता है। एवाकाडो, बादाम, अंजीर, पालक, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट, अलसी, मूंगफली, साबुत अनाज इसके अच्छे स्रोत हैं।
यह सुनने में सहायक नर्व व संवेदी कोशिकाओं को तेज शोर के दुष्प्रभाव से बचाता है। यह नुकसानदायक तत्त्व जिन्हें फ्री रेडिकल्स कहते है, उनसे लड़ता है। एवाकाडो, बादाम, अंजीर, पालक, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट, अलसी, मूंगफली, साबुत अनाज इसके अच्छे स्रोत हैं।
Potassium पोटैशियम
यह कान के आंतरिक भाग के द्रव्य को संतुलित रखता है। इस द्रव्य की कमी से सुनने की क्षमता कम हो जाती है। उम्र बढऩे के साथ पोटैशियम का स्तर कम होने की आशंका रहती है। खाने में केला, आलू, तरबूज, खुबानी, संतरा, किशमिश, सोयाबीन की फलियां, राजमा, नारियल पानी लें।
यह कान के आंतरिक भाग के द्रव्य को संतुलित रखता है। इस द्रव्य की कमी से सुनने की क्षमता कम हो जाती है। उम्र बढऩे के साथ पोटैशियम का स्तर कम होने की आशंका रहती है। खाने में केला, आलू, तरबूज, खुबानी, संतरा, किशमिश, सोयाबीन की फलियां, राजमा, नारियल पानी लें।
Zinc जिंक
यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होने पर कान में संक्रमण से बचाता है। वृद्धावस्था में आने वाली कान में सीटी की आवाज को बढऩे से रोकता है। मसूर की दाल, लहसुन, मशरूम, कद्दू के बीज, दही, फलियां, दलिया खाएं।
यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होने पर कान में संक्रमण से बचाता है। वृद्धावस्था में आने वाली कान में सीटी की आवाज को बढऩे से रोकता है। मसूर की दाल, लहसुन, मशरूम, कद्दू के बीज, दही, फलियां, दलिया खाएं।
vitamin b12 विटामिन बी 12
इसका नर्वस सिस्टम के सुचारु रूप से काम करने में अहम भूमिका है। इसकी कमी से कान में सीटी की आवाज भी आ सकती है। इसके स्रोत मछली, अंडे, मीट हैं। शाकाहारी लोगों में इसकी कमी होने की आशंका ज्यादा होती है। दूध, दही, पनीर, छाछ आदि में भी मिलता है।
इसका नर्वस सिस्टम के सुचारु रूप से काम करने में अहम भूमिका है। इसकी कमी से कान में सीटी की आवाज भी आ सकती है। इसके स्रोत मछली, अंडे, मीट हैं। शाकाहारी लोगों में इसकी कमी होने की आशंका ज्यादा होती है। दूध, दही, पनीर, छाछ आदि में भी मिलता है।
folate फोलेट यह कान के आंतरिक भाग में रक्त संचार बनाए रखने में सहायक है। नींबू, ब्रोकली, राजमा, सूरजमुखी के बीज, चना, हरी मटर, साबुत अनाज, संतरा, टमाटर, बंदगोभी, शलजम, पालक, दालें, अनार इसके अच्छे स्रोत हैं।
Omega 3s ओमेगा 3 एस यह स्वस्थ वसा है, जो उम्रजनित न सुनने की दिक्कत को कम करता है। अखरोट, अलसी के बीज, चीया सीड्स, सोयाबीन, पार्सले जो एक औषधीय पौधा है, (हल्के मिर्च का स्वाद वाला सलाद पत्ता) आदि खाएं।
डॉ. शुभकाम आर्य,
ईएनटी स्पेशलिस्ट, जयपुर डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
ईएनटी स्पेशलिस्ट, जयपुर डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।