जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों के मुताबिक ह्यूमन ट्रायल में 10 लोग शामिल किए गए। इन्हें वैक्सीन से पांच दिन पहले एक गोली दी गई। बाद में 21 दिन तक लगातार गोली दी गई। दस में से छह लोगों के रक्त में रोगजनक वायरस के संपर्क में आने के बावजूद डेंगू वायरस नहीं मिला। इनकी 85 दिन तक निगरानी की गई। दवा दो वायरल प्रोटीन की क्रिया को अवरुद्ध करती है। इससे वायरस को प्रतिलिपि बनाने से रोका जा सकता है।
चार प्रकार के डेंगू की होगी रोकथाम वैज्ञानिक गोली के दूसरे चरण के परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं। इसका मकसद चार अलग-अलग प्रकार के डेंगू को रोकना है। अगला कदम इलाज के तौर पर दवा का परीक्षण होगा। अगर दवा बड़े पैमाने पर प्रभावी साबित होती है, तो इसे विभिन्न देशों को उपलब्ध कराया जाएगा। प्राथमिकता निम्न और मध्यम आय वाले देशों को दी जाएगी, जहां डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं।
हर साल दुनिया में लाखों मामले डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारी है। इसका बुखार लक्षणहीन होता है। शुरुआत में जोड़ों में गंभीर दर्द और ऐंठन पैदा होती है। इस बीमारी की अब तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल दुनिया में लाखों लोग डेंगू की चपेट में आते हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल देश में इसके 2.33 लाख से ज्यादा मामले सामने आए।