रोग और उपचार

B Alert – कहीं प्रदूषण ताे नहीं आपकी खांसी की वजह

चिकित्सकों का कहना है कि अगर आप न तो अस्थमा से पीड़ित और न ही आप धूम्रपान करते हैं लेकिन फिर भी लगातार आप सूखी

Dec 29, 2018 / 05:00 pm

युवराज सिंह

B Alert – कहीं प्रदूषण ताे नहीं आपकी खांसी की वजह

चिकित्सकों का कहना है कि अगर आप न तो अस्थमा से पीड़ित और न ही आप धूम्रपान करते हैं लेकिन फिर भी लगातार आप सूखी या परेशान करने वाली खांसी से जूझ रहे हैं तो इसकी वजह हर दिन प्रदूषित हवा में सांस लेना है।
एलर्जी जनित खांसी अधिक
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि सर्दी के महीनों में एलर्जी जनित खांसी अधिक होती है, जब तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक और एलर्जी कारक तत्व वायुमंडल से हट नहीं पाते हैं, जिससे अस्थमा, एलर्जी राइनाइटिस और अन्य एलर्जी विकार बढ़ जाते हैं। तापमान और ठंड में अचानक परिवर्तन के चलते, शुष्क हवा भी वायुमार्ग को संकुचित करती है, जिससे कष्टप्रद खांसी शुरू हो जाती है।
गले में जलन और खुजली
उन्होंने कहा, ”दिल्ली जैसे शहरों में आबादी का अधिकांश हिस्सा ओजोन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी प्रदूषक गैसों के कारण एलर्जी जनित खांसी से परेषान होता रहता है। अन्य कारकों में सड़क और निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल, पराग कण, धुआं, नमी, और तापमान में अचानक परिवर्तन शामिल हैं। गले में जलन और खुजली हफ्तों से महीनों तक बनी रह सकती है और यह तीव्रता में भिन्न हो सकती है।”
मौसमी एलर्जी
डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, ”मौसमी एलर्जी के कुछ अन्य लक्षणों में नाक बहना, छींकना, आंखों में पानी और खुजली तथा आंखों के नीचे काले घेरे शामिल हैं। ये काले घेरे या एलर्जिक शाइनर्स नाक की गुहाओं में सूजे हुए ऊतकों और आंखों के नीचे रक्त के जमाव के कारण होते हैं। एलर्जी जनित खांसी आमतौर पर रात में तीव्र हो जाती है।”
फेफड़े या गुर्दे की बीमारी
चिकित्सक ने कहा कि वायरल और बैक्टीरियल दोनों तरह के संक्रमण, अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों जैसे फेफड़े या गुर्दे की बीमारी, दिल की विफलता, फेफड़े की पुरानी प्रतिरोधी बीमारी या अस्थमा वाले लोगों में जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। अगर तेज बुखार दो दिन से अधिक समय तक बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कोई उपचार उपलब्ध नहीं
डॉ. अग्रवाल ने कहा, ”कई वायरस के साथ, इसका कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। आपका डॉक्टर आपकी हालत की निगरानी करते हुए आपके लक्षणों का प्रबंधन करने के मकसद से दवाएं लिख सकता है। अगर डॉक्टर को जीवाणु संक्रमण का संदेह हो, तो वो एंटीबायोटिक्स लिख सकता है। एमएमआर और पर्टुसिस वैक्सीन का उपयोग करने से श्वसन संक्रमण होने का खतरा काफी कम हो सकता है। इसके अलावा, सभी को खान पान में स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।”
हाथों को बार-बार धोएं
डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव देते हुए कहा, ”अपने हाथों को बार-बार धोएं, खासकर तब जब आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हों। हमेशा अपनी शर्ट की बांह में या टिश्यू पेपर में छींकें। हालांकि इससे आपके स्वयं के लक्षण कम नहीं हो सकते, लेकिन यह आपके संक्रामक रोग को फैलने से रोकेगा। अपने शारीरिक सिस्टम में कीटाणुओं के प्रवेश को रोकने के लिए अपने चेहरे, खासकर अपनी आंखों और मुंह को छूने से बचें।

Hindi News / Health / Disease and Conditions / B Alert – कहीं प्रदूषण ताे नहीं आपकी खांसी की वजह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.