टाइप 2 मधुमेह: यह तब होता है जब पैनक्रियाज कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इंसुलिन की कमी: जब शरीर में इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता है, तो ग्लूकोज रक्त कोशिकाओं में इकट्ठा होने लगता है। यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
ब्लड शुगर का बढ़ना: इससे हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी रोग, कम दृष्टि, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। रात में बार-बार पेशाब आने के अन्य कारण: मूत्राशय की समस्याएं, प्रोस्टेट की समस्याएं, और कुछ दवाएं।
टाइप 2 मधुमेह के अन्य लक्षण: Symptoms of type 2 diabetes: – हर समय प्यास लगना
– थकान महसूस होना
– बिना कारण वजन कम होना
– निजी अंगों में खुजली
– चोटों का धीरे-धीरे भरना
– धुंधला दिखना
इन लक्षणों का दिखना: डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। मधुमेह का इलाज: Treatment of diabetes – जीवनशैली में बदलाव
– नियमित व्यायाम
– स्वस्थ भोजन
– डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए: To control diabetes:
– नियमित व्यायाम
– स्वस्थ भोजन
– डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए: To control diabetes:
– रोजाना नाश्ता, दोपहर का भोजन, और रात का खाना जरूर करें।
– मीठी, वसायुक्त, और नमकीन चीजों से बचें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– डॉक्टर की सलाह का पालन करें। मधुमेह (Diabetes) को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन समय पर पता लगने और उचित इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
– मीठी, वसायुक्त, और नमकीन चीजों से बचें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– डॉक्टर की सलाह का पालन करें। मधुमेह (Diabetes) को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन समय पर पता लगने और उचित इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।