जानिए क्या हैं कारण?
मौसम के साथ ही वातावरण भी इसके लिए जिम्मेदार है। साथ ही इस मौसम में तापमान में गिरावट, परागकण, धूल, धूप, धुआं आदि से वातावरण में एलर्जन्स में वृद्धि हो जाती है। इनके चलते ये समस्याएं बढऩे लगती हैं। ठंडी हवा से भी सांस रोग बढ़ सकते हैं।
इन लक्षणों से पहचानें
सर्दी-जुकाम के साथ ही नाक से पानी बहना, सांस फूलना, ब्रेथलेसनेस (सांस छोटी होना), तेज खांसी, सांस के साथ घरघराहट की आवाज, खांसी के साथ कफ जैसे लक्षणों से इन्हें पहचान सकते हैं। गंभीर समस्याएं होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
ऐसे करें केयर
नमक के पानी के गरारे करें।
दवाइयां खुद से शुरू/ बंद न करें।
डॉक्टरी परामर्श लें एवं सावधानी बरतें।
मास्क या फेस कवर का उपयोग करें।
इन्हेलर पास में रखें व घर पर नेबुलाइजर भी रख सकते हैं।
संतुलित व ताजा आहार लें। कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम जैसी चीजों से बचें।