Tips to increase lungs capacity : यदि आपके फेफड़े कमजोर हैं या कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुए हैं, तो आपको अपने फेफड़ों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। फेफड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज बेहद प्रभावी होती हैं।
यहां हम चार प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज के बारे में बात करेंगे, जो आपके फेफड़ों में नई जान डाल सकती हैं और उन्हें पहले से अधिक मजबूत बना सकती हैं। ये एक्सरसाइज न केवल फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती हैं, बल्कि संपूर्ण श्वसन तंत्र को भी लाभ पहुंचाती हैं।
भ्रामरी ब्रीथ एक्सरसाइज एक प्राचीन योग तकनीक है जो मानसिक शांति और फेफड़ों की मजबूती के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको किसी आरामदायक मुद्रा में बैठना होता है और अपने कानों को अंगूठों से बंद करके ओम का उच्चारण करना होता है। भ्रामरी ब्रीथ न केवल फेफड़ों को मजबूत बनाती है, बल्कि तनाव और चिंता को भी कम करती है। नियमित अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और संपूर्ण श्वसन तंत्र में सुधार होता है। यह सरल लेकिन प्रभावी तकनीक आपके स्वास्थ्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
4-7-8 ब्रीदिंग एक्सरसाइज एक सरल और प्रभावी तकनीक है जो तनाव को कम करने और नींद में सुधार लाने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज में, आप नाक से चार तक गिनते हुए सांस लेते हैं, सात सेकंड तक सांस रोकते हैं, और फिर मुंह से आठ सेकंड तक सांस छोड़ते हैं। इसे चार बार दोहराने से शरीर और मस्तिष्क को शांति मिलती है। यह एक्सरसाइज बिस्तर पर बैठकर या लेटकर आसानी से की जा सकती है।
डायाफ्रामिक ब्रीदिंग एक प्रभावी श्वास तकनीक है जो शांति और विश्राम को बढ़ावा देती है। इस अभ्यास में, आप समतल और शांत जगह पर बैठकर या लेटकर, एक हाथ सीने पर और दूसरा पेट पर रखते हैं। नाक से सांस लेते समय पेट को अंदर की ओर सिकोड़ते हैं और धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया को एक से दो मिनट तक दोहराने से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है, जिससे आप सामान्य और शांत महसूस करते हैं।
लिप ब्रीदिंग एक्सरसाइज एक सरल और प्रभावी तकनीक है जो नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है। इसे रात को सोने से पहले बिस्तर पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठकर किया जा सकता है। इस अभ्यास में, नाक से सामान्य तरीके से सांस ली जाती है और फिर होंठों से धीरे-धीरे ऐसे छोड़ी जाती है जैसे केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाने के लिए फूंक मारी जाती है। इस प्रक्रिया को पांच से छह बार दोहराने से मानसिक और शारीरिक विश्राम मिलता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।