रोग और उपचार

Treatment of piles : पाइल्स या बवासीर के उपचार के लिए कारगर है ये दवा

Treatment of piles : लगातार कब्ज रहने की वजह से पाइल्स (बवासीर) की समस्या होती है। इस रोग में मलद्वार के आंतरिक और बाहरी हिस्से पर सूजन व फुंसियां हो जाती हैं जो कई बार गंभीर रूप ले लेती हैं

Jul 07, 2023 / 11:21 am

Manoj Kumar

Heaalth tips : treatment of piles

Treatment of piles : लगातार कब्ज रहने की वजह से पाइल्स (बवासीर) की समस्या होती है। इस रोग में मलद्वार के आंतरिक और बाहरी हिस्से पर सूजन व फुंसियां हो जाती हैं जो कई बार गंभीर रूप ले लेती हैं
अगर पाइल्स होने की वजह कब्ज है तो रोगी को उठने-बैठने में तकलीफ, दर्द और रक्तस्राव होता है। इसके लिए पेट साफ करने के लिए एस्क्यूलस दवा और ओइंटमेंट प्रयोग करने के लिए दिया जाता है। लगातार कब्ज रहने की वजह से पाइल्स (बवासीर) की समस्या होती है। इस रोग में मलद्वार के आंतरिक और बाहरी हिस्से पर सूजन व फुंसियां हो जाती हैं जो कई बार गंभीर रूप ले लेती हैं। आइए जानते हैं इसकी प्रमुख वजहों और होम्योपैथिक इलाज के बारे में।

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वजह : अनियमित दिनचर्या, लंबे समय से कब्ज रहना, दवाओं के दुष्प्रभाव, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव और जंकफूड की अधिकता से पाइल्स की समस्या होती है।

स्टेज : इस बीमारी की चार स्टेज होती हैं। पहली में इसका पता नहीं चलता। दूसरी स्टेज में थोड़ा रक्तस्राव होता है। इसकी पहली और दूसरी स्टेज का इलाज दवाओं से किया जाता है। तीसरी स्थिति में पाइल्स बढऩे लगती है और रक्तस्राव अधिक होता है। चौथी स्थिति में यह त्वचा से बाहर आने लगती है। तीसरी व चौथी स्टेज में सर्जरी व दवाओं से उपचार किया जाता है।

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इस बीमारी में अगर मरीज को मोशन के दौरान मलद्वार पर सुई जैसी चुभन व जलन और कभी-कभी रक्तस्राव होता है इसके लिए डॉक्टर एसिड नाइट्रिक दवा देते हैं।
अगर व्यक्ति चिड़चिड़ा या तनाव में रहने लगे तो उसे नक्सवोमिका दी जाती है। इस रोग में अत्यधिक रक्तस्राव के साथ जलन, दर्द और चलने-फिरने में परेशानी होने पर हेमामिलिस दवा प्रयोग में ली जाती है।

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महिलाओं में कब्ज की वजह से पाइल्स हो सकती है। ऐसे में मलद्वार पर खुजली, जलन, दर्द व रक्तस्राव के साथ पाइल्स त्वचा से बाहर आने लगती है। कोलिनसोनिया दवा से घबराहट और पेट में जकड़न से राहत मिलती है। इन सभी दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से ही करें।

ध्यान रखें: पर्याप्त पानी पिएं व भरपूर नींद लें, हरी पत्तेदार सब्जियों और सलाद को खाने में शामिल करें। बेसन, चावल, बैंगन व आलू जैसी बादी वाली चीजों से दूर रहें। तले-भुने व मसालेदार खानपान से परहेज करें।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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