नियमित ब्रश करें –
प्लाक हमारे दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। ऐसा कुछ भी खाने के बाद ठीक तरह से मुंह की सफाई न करने से होता है। इसके लिए नियमित रूप से सुबह व शाम के समय ब्रश करें। इस परत में कीटाणु होते हैं जो दांतों व मसूढ़ों को खराब कर कैविटी और सूजन (गिंगिवाइटिस) का कारण बनते हैं। कई बार ठीक से ब्रश न करने से भी ये परत ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं।
फ्लॉसिंग अपनाएं –
दांतों व मसूढ़ों के अलावा मुंह में ऐसी कई जगह होती हैं जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता। इन जगहों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग बेहतरीन विकल्प है जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर प्लाक, कैविटी या अन्य खाद्य अवशेषों को बाहर निकालती है। कई बार विशेषज्ञ दांतों की सफाई के लिए इंटरडेंटल ब्रशिंग करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह दांतों के बीच की सफाई के साथ मसूढ़ों को भी मजबूत करता है।
रोगों का खतरा
हार्ट अटैक
शरीर के किसी भी अंग में यदि संक्रमण होता है तो उससे सीधे हृदय प्रभावित होता है। इसी तरह यदि बैक्टीरिया की वजह से मसूढ़ों में सडऩ व सूजन (गिंगिवाइटिस) हो जाए तो कीटाणु रक्त के जरिए विभिन्न अंगों के साथ हृदय की नलिकाओं को भी प्रभावित करने लगते हैं जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
संक्रमण –
मसूढ़ों में मौजूद बैक्टीरिया रक्त संचालन के साथ पूरे शरीर में फैल जाते हैं जिससे अन्य अंगों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
आर्थराइटिस –
पेरियोडोन्टल गम डिजीज न केवल दांतों व मसूढ़ों की कोशिकाओं को कमजोर करती है बल्कि रुमेटाइड आर्थराइटिस की वजह भी बनती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना –
दांतों में तकलीफ से व्यक्ति भोजन को ठीक से नहीं चबा पाता। ऐसे में शरीर में उचित मात्रा में आहार न पहुंचने से पोषक तत्वों की कमी होने लगती है व प्रतिरोधी तंत्र कमजोर होने से रोग घेरने लगते हैं।
मुंह का कैंसर –
तंबाकू या शराब के कारण मुंह का कैंसर हो सकता है जो धीरे-धीरे शरीर के किसी भी हिस्से में फैलकर जानलेवा साबित हो सकता है।
खयाल रखें –
दांतों को ब्रश से साफ करते समय ध्यान रखें कि ब्रश नाजुक हो जिससे मसूढ़े कटे-छिले नहीं। ब्रश को मुंह में 45 डिग्री के एंगल पर घुमाएं।
हल्के तौर पर मसूढ़ों को ब्रश से साफ करने के अलावा इनकी नीलगिरी या पिपरमिंट के तेल से मालिश कर सकते हैं।
ऊपर व नीचे के दांतों को आपस में धीरे-धीरे 30-40 बार दबाएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहेगा व मसूढ़े मजबूत होंगे।
ब्रश करने व फ्लॉसिंग के बाद रोजाना माउथवॉश से मुंह की सफाई कर सकते हैं।
चीनी मुंह में जाकर बैक्टीरिया के साथ दांतों में सड़न पैदा करती है। कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय पदार्थ दांतों की इनेमल लेयर को गलाने का काम करते हैं। इसलिए इनसे परहेज करना ही उचित होगा।