
Stay Healthy - सर्जरी से दीजिए घुटनों को नर्इ जान
भारत में घुटनों के दर्द की समस्या आम है। इसे नजरअंदाज करने की वजह से ये दर्द और बढ़ जाता है। लोग अक्सर घुटनों के दर्द को उम्र का तकाजा मानकर इसका इलाज कराना उचित नहीं समझते। बस दर्द को कम करने के लिए पेनकिलर लेते रहते हैं।
टालने की आदत
हमारे देश में घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां हैं जिसके चलते अक्सर लोग इस सर्जरी को टालते रहते हैं। विशेषज्ञाें के अनुसााार 'कई बार ऐसा होता है जब रोगी को घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की जरूरत होती है लेकिन डर की वजह से वह इसे टाल देता है। दोबारा जब रोगी इलाज के लिए आता है तो स्थिति गंभीर हो चुकी होती है।'
नेविगेशन तकनीक
नेविगेशन तकनीक के माध्यम से घुटने के प्रत्यारोपण में लगभग डेढ़ लाख का खर्च आता है। घुटने की उम्र 20-25 साल बढ़ जाती है।
रिकवरी में समय
अक्सर लोगों को ये डर रहता है कि घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की रिकवरी में बहुत समय लगेगा और इसके बाद भी वे चल फिर पाएंगे या नहीं। इसके अलावा लोग अक्सर ये भी सोचते हैं कि सर्जरी के बाद भी घुटनों में दर्द तो रहेगा ही तो क्या फायदा और इसी डर की वजह से रोगी दर्द के बावजूद भी सर्जरी को टालते रहते हैं।
Published on:
02 Jan 2019 10:40 am
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