अस्थमा क्या है ( What Is Asthma )
श्वसन नलिकाओं में सूजन आने से अस्थमा की समस्या होती है। दरअसल श्वसन नलिकाएं फेफड़ों से हवा को अंदर-बाहर करने का काम करती हैं। सूजन से नलिकाएं संकड़ी और संवेदनशील हो जाती हैं जिससे फेफड़ों में हवा कम पहुंचती है तो मरीज को दम घुटने जैसा महसूस होता है। लंबे समय तक यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
श्वसन नलिकाओं में सूजन आने से अस्थमा की समस्या होती है। दरअसल श्वसन नलिकाएं फेफड़ों से हवा को अंदर-बाहर करने का काम करती हैं। सूजन से नलिकाएं संकड़ी और संवेदनशील हो जाती हैं जिससे फेफड़ों में हवा कम पहुंचती है तो मरीज को दम घुटने जैसा महसूस होता है। लंबे समय तक यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
ये हो सकते हैं कारण ( Asthma Causes )
धूल, धुआं और प्रदूषण के संपर्क में रहना, तीखे खाद्य पदार्थों की एलर्जी। माता-पिता को अस्थमा है तो बच्चों में अधिक आशंका। धूम्रपान करने वाले के संपर्क में आना, घरेलू जानवरों के लगातार संपर्क में रहना, शारीरिक व मानसिक तनाव, बिगड़ता खानपान, नशीले पदार्थों की लत, अधिक समय तक खांसी, फेफड़ों, दिल, गुर्दों, आंतों आदि में कमजोरी और दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल भी कफ को सुखा देता है जिससे अस्थमा की हाेने की आशंका बढ़ जाती है।इसके अलावा घर के कालीन में हाउस डस्ट माइट होते हैं। यह एलर्जन को बढ़ाते हैं। फ्रिज का पानी पीने और सर्द-गर्म से भी एलर्जी की आशंका रहती हैं।
धूल, धुआं और प्रदूषण के संपर्क में रहना, तीखे खाद्य पदार्थों की एलर्जी। माता-पिता को अस्थमा है तो बच्चों में अधिक आशंका। धूम्रपान करने वाले के संपर्क में आना, घरेलू जानवरों के लगातार संपर्क में रहना, शारीरिक व मानसिक तनाव, बिगड़ता खानपान, नशीले पदार्थों की लत, अधिक समय तक खांसी, फेफड़ों, दिल, गुर्दों, आंतों आदि में कमजोरी और दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल भी कफ को सुखा देता है जिससे अस्थमा की हाेने की आशंका बढ़ जाती है।इसके अलावा घर के कालीन में हाउस डस्ट माइट होते हैं। यह एलर्जन को बढ़ाते हैं। फ्रिज का पानी पीने और सर्द-गर्म से भी एलर्जी की आशंका रहती हैं।
लक्षणों को पहचानें ( Asthma Symptoms )
सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, कफ और बलगम बनना, जरा सा काम करने पर सांस फूलना, सांस लेते वक्त हल्की-हल्की सीटी बजने जैसी आवाजें आना, रात में खांसी आना, हमेशा थकान-कमजोरी महसूस होना और सांस उखड़ने जैसा दौरा इसके लक्षण हैं।
सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, कफ और बलगम बनना, जरा सा काम करने पर सांस फूलना, सांस लेते वक्त हल्की-हल्की सीटी बजने जैसी आवाजें आना, रात में खांसी आना, हमेशा थकान-कमजोरी महसूस होना और सांस उखड़ने जैसा दौरा इसके लक्षण हैं।
इन्हेलर है कारगर इलाज ( Asthma Treatment )
अस्थमा का इलाज कई तरह से संभव है। इसमें दवाइयां, इन्हेलर और इम्युनोथैरेपी प्रमुख है। दवाइयों का कुछ दुष्प्रभाव हो सकता है। लेकिन इन्हेलर और इम्युनोथैरेपी कारगर हैं। इन्हेलर का असर तुंरत होता है और दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसमें दवाइयों की डोज माइक्रोग्राम में होती है और दवा सिर्फ फेफड़ों में पहुंचती है। कई नए इन्हेलर हैं जिसको 24 घंटे में केवल एक बार ही लेने से आराम रहता है।
अस्थमा का इलाज कई तरह से संभव है। इसमें दवाइयां, इन्हेलर और इम्युनोथैरेपी प्रमुख है। दवाइयों का कुछ दुष्प्रभाव हो सकता है। लेकिन इन्हेलर और इम्युनोथैरेपी कारगर हैं। इन्हेलर का असर तुंरत होता है और दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसमें दवाइयों की डोज माइक्रोग्राम में होती है और दवा सिर्फ फेफड़ों में पहुंचती है। कई नए इन्हेलर हैं जिसको 24 घंटे में केवल एक बार ही लेने से आराम रहता है।
खुद करें कंट्रोल ( Asthma Attack Prevention Tips )
इसका कारगर इलाज इससे बचाव है। अगर इसके कारणों को पहचानकर बचाव कर करते हैं तो खुद ही इसको कंट्रोल कर सकते हैं। भीड़भाड़ और प्रदूषित क्षेत्रों मेंं जाने से बचें। अगर जाते हैं तो मास्क लगाकर जाएं। घर में सीलन आदि की समस्या है तो इसको दूर करा लें। साफ-सफाई पर ध्यान दें। धूम्रपान और नशे से बचें। फ्रिज का अत्यधिक ठंडा और बासी खाना न खाएं। बाहर के खाने से बचें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए व्यायाम करें। डॉक्टर की बताई गई दवाइयों को टाइम पर और पूरी खुराक में लें।
इसका कारगर इलाज इससे बचाव है। अगर इसके कारणों को पहचानकर बचाव कर करते हैं तो खुद ही इसको कंट्रोल कर सकते हैं। भीड़भाड़ और प्रदूषित क्षेत्रों मेंं जाने से बचें। अगर जाते हैं तो मास्क लगाकर जाएं। घर में सीलन आदि की समस्या है तो इसको दूर करा लें। साफ-सफाई पर ध्यान दें। धूम्रपान और नशे से बचें। फ्रिज का अत्यधिक ठंडा और बासी खाना न खाएं। बाहर के खाने से बचें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए व्यायाम करें। डॉक्टर की बताई गई दवाइयों को टाइम पर और पूरी खुराक में लें।
योग भी कारगर ( Yoga To Prevant Asthma )
अस्थमा से बचाव में व्यायाम और योग की अहम भूमिका होती है। मुख्य रूप से अनुलोम विलोम, सेतु बंधासन, अद्र्धमत्स्येन्द्रासन, भुजंगासन व शवासन करने से इसके रोगियों को आराम मिलता है। एक्सपर्ट की सलाह से ही करें।
अस्थमा से बचाव में व्यायाम और योग की अहम भूमिका होती है। मुख्य रूप से अनुलोम विलोम, सेतु बंधासन, अद्र्धमत्स्येन्द्रासन, भुजंगासन व शवासन करने से इसके रोगियों को आराम मिलता है। एक्सपर्ट की सलाह से ही करें।
बंद हो सकती है दवा ( Immunotherapy Asthma )
अस्थमा में इम्युनोथैरेपी सबसे अच्छी है। इसके केवल 1 या 2 इंजेक्शन बीमारी की गंभीरता के अनुसार पूरे महीने में लगाए जाते हैं और मरीज को आराम मिलता है। यह इंजेक्शन एलर्जन को ही खत्म कर देता है। इसे केवल 6-7 महीने तक लगवाना होता है फिर अधिकतर मरीजों को इन्हेलर की जरूरत नहीं पड़ती है। जिन्हें जरूरत पड़ती है उनकी डोज 80 फीसदी तक कम हो जाती है।
अस्थमा में इम्युनोथैरेपी सबसे अच्छी है। इसके केवल 1 या 2 इंजेक्शन बीमारी की गंभीरता के अनुसार पूरे महीने में लगाए जाते हैं और मरीज को आराम मिलता है। यह इंजेक्शन एलर्जन को ही खत्म कर देता है। इसे केवल 6-7 महीने तक लगवाना होता है फिर अधिकतर मरीजों को इन्हेलर की जरूरत नहीं पड़ती है। जिन्हें जरूरत पड़ती है उनकी डोज 80 फीसदी तक कम हो जाती है।