Multiple sclerosis: मल्टीपल स्केलेरोसिस ऐसी बीमारी है जो पैर में लकवे की तरह होती है और इसका अटैक 24 घंटे तक रहता है। पैर के साथ ये आंखों पर भी असर डालती है। इस बीमारी के लक्षण पहचान कर आप इसे कंट्रोल में रखने का प्रयास कर सकते हैं।
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बता दें कि ये बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुनी होती है और 16 साल से 30 साल के बीच इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।
What is multiple sclerosis क्या है मल्टीपल स्क्लेरोसिस ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज का अपने शरीर से नियंत्रण खत्म हो जाता है और चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है। इसके कुछ लक्षण लकवा से भी मिलते हैं। मल्टीपल स्क्लेरोसिस ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जो सीधे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इसमें मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी की नसों और ऑप्टिक नर्व्स प्रभावित होते हैं।
the brain loses control of the body ब्रेन से शरीर का नियंत्रण खो जाता है
इस बीमारी में मस्तिष्क से शरीर के अन्य अंगों तक जाने वाले विद्युत संकेत प्रभावित होते हैं। यही कारण है कि ब्रेन का शरीर के हिस्सों से नियंत्रण हट जाता है और शरीर की मांसपेशियों का संचालन और संतुलन गड़बड़ होने लगता है। खास बात ये है कि इस बीमारी के कारण एकाएक आंख की रोशनी भी जा सकती है।
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर बीमारी में शरीर का इम्युन सिस्टम कंफ्यूज होता है और सेल्स खुद ब्रेन के नर्वस सिस्टम यानि न्यूरोन्स पर हमला करती हैं। हालांकि इसके पीछे वजह क्लियर नहीं है, लेकिन कई बार ये किसी वायरस के इन्फेक्शन के कारण, किसी वैक्सीनेशन या किसी अन्य कारण से भी हो जाती है।
इस बीमारी में मस्तिष्क से शरीर के अन्य अंगों तक जाने वाले विद्युत संकेत प्रभावित होते हैं। यही कारण है कि ब्रेन का शरीर के हिस्सों से नियंत्रण हट जाता है और शरीर की मांसपेशियों का संचालन और संतुलन गड़बड़ होने लगता है। खास बात ये है कि इस बीमारी के कारण एकाएक आंख की रोशनी भी जा सकती है।
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Immune system gets confused and attacks the brain इम्युन सिस्टम कंफ्यूज हो कर ब्रेन पर करता है हमलाऑटोइम्यून डिसऑर्डर बीमारी में शरीर का इम्युन सिस्टम कंफ्यूज होता है और सेल्स खुद ब्रेन के नर्वस सिस्टम यानि न्यूरोन्स पर हमला करती हैं। हालांकि इसके पीछे वजह क्लियर नहीं है, लेकिन कई बार ये किसी वायरस के इन्फेक्शन के कारण, किसी वैक्सीनेशन या किसी अन्य कारण से भी हो जाती है।
Symptoms of multiple sclerosis मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण
– ये बीमारी में एक्यूट अटैक की तरह आती है और करीब 24 घंटे तक रहती है।
– अचानक से किसी पैर या हाथ सुन्न हो जाना।
– पैरों में लकवा मारने जैसा होना
– पैरों में एकदम से कमजोरी आ जाना
– पैर या हाथ काम करना बंद कर देना
– मांसपेशियों में एंठन या कठोरता होना
– मिरगी जैसे झटके आना
– आंखों की रौशनी एकदम से चले जाना
– एक चीज दो भी दिखाई दे सकती हैं. यानि डबल विजन की समस्या
– बोलने में समस्या या उच्चारण का स्पष्ट न होना
– थकान, तनाव और शरीर में दर्द रहना.
– शरीर में या किसी अंग में झनझनाहट
– बता दें कि ये स्थिति 24 घंटे से ज्यादा समय तक बनी रह सकती है। ये अटैक कई बार भी आ सकता है।
Know what is the treatment of the disease इस बीमारी के ये हो सकते हैं कारण
विटामिन डी की कमी इस बीमारी का एक बड़ा कारण हो सकती है। शरीर में लंबे समय तक अगर विटामिन डी कम रहे तो मरीज को बार बार मल्टीपल स्क्लेरोसिस के अटैक आ सकते हैं। इसके अलावा अगर बहुत ज्यादा तनाव है तो भी ये बीमारी बार बार सामने आ सकती है। खानपान में जो लोग ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, चीज या पनीर आदि लेते हैं या मांसाहारी खाना बहुत खाते हैं, खासकर रेड मीट तो उनमें भी इस बीमारी का खतरा रहता है। इसके अलावा कैमिकल, इन्सेक्टिसाइड, पेस्टीसाइड्स आदि के संपर्क में रहने से भी ये बीमारी हो सकती है। इस बीमारी की एक प्रमुख वजह शरीर में मौजूद एक एंटीजन भी होता है जो सीधे इम्यूनिटी से डील करता है।, उसका एक विशेष टाइप हो तो यह हो सकता है।
1. इस बीमारी का इलाज है और इसके लिए दवाएं और इंजेक्शन मौजूद है। प्रेग्नेंसी तक में ये दवाएं सेफ होती हैं। इसे अलावा इन चीजों पर ध्यान देकर बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
2. मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीज पर योग करागर होते हैं। इससे तनाव भी कम होता है और मांसपेशियां और नर्व्स फैल्कसेबल बनती हैं।
3. इस बीमारी में गर्मी से बचाव जरूरी है।
4. रेड मीट, मिल्क के प्रोडक्ट कम लेना चाहिए। नेचुरल चीजें ज्यादा यूज करें और आर्टिफिशियल फ्लेवर, स्वीट आदत से दूर रहें। फाइबर युक्त, विटामिन और प्रोटीन से युक्त खाना लें।
5. बहुत कठिन फिजिकल एक्टीविटीज न करें।
6. बीमारी को लेकर तनाव न करें, क्योंकि इससे बीमारी बढ़ जाएगी।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
– ये बीमारी में एक्यूट अटैक की तरह आती है और करीब 24 घंटे तक रहती है।
– अचानक से किसी पैर या हाथ सुन्न हो जाना।
– पैरों में लकवा मारने जैसा होना
– पैरों में एकदम से कमजोरी आ जाना
– पैर या हाथ काम करना बंद कर देना
– मांसपेशियों में एंठन या कठोरता होना
– मिरगी जैसे झटके आना
– आंखों की रौशनी एकदम से चले जाना
– एक चीज दो भी दिखाई दे सकती हैं. यानि डबल विजन की समस्या
– बोलने में समस्या या उच्चारण का स्पष्ट न होना
– थकान, तनाव और शरीर में दर्द रहना.
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– बता दें कि ये स्थिति 24 घंटे से ज्यादा समय तक बनी रह सकती है। ये अटैक कई बार भी आ सकता है।
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विटामिन डी की कमी इस बीमारी का एक बड़ा कारण हो सकती है। शरीर में लंबे समय तक अगर विटामिन डी कम रहे तो मरीज को बार बार मल्टीपल स्क्लेरोसिस के अटैक आ सकते हैं। इसके अलावा अगर बहुत ज्यादा तनाव है तो भी ये बीमारी बार बार सामने आ सकती है। खानपान में जो लोग ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, चीज या पनीर आदि लेते हैं या मांसाहारी खाना बहुत खाते हैं, खासकर रेड मीट तो उनमें भी इस बीमारी का खतरा रहता है। इसके अलावा कैमिकल, इन्सेक्टिसाइड, पेस्टीसाइड्स आदि के संपर्क में रहने से भी ये बीमारी हो सकती है। इस बीमारी की एक प्रमुख वजह शरीर में मौजूद एक एंटीजन भी होता है जो सीधे इम्यूनिटी से डील करता है।, उसका एक विशेष टाइप हो तो यह हो सकता है।
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Know what is the treatment of the disease जानिए क्या है बीमारी का इलाज1. इस बीमारी का इलाज है और इसके लिए दवाएं और इंजेक्शन मौजूद है। प्रेग्नेंसी तक में ये दवाएं सेफ होती हैं। इसे अलावा इन चीजों पर ध्यान देकर बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
2. मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीज पर योग करागर होते हैं। इससे तनाव भी कम होता है और मांसपेशियां और नर्व्स फैल्कसेबल बनती हैं।
3. इस बीमारी में गर्मी से बचाव जरूरी है।
4. रेड मीट, मिल्क के प्रोडक्ट कम लेना चाहिए। नेचुरल चीजें ज्यादा यूज करें और आर्टिफिशियल फ्लेवर, स्वीट आदत से दूर रहें। फाइबर युक्त, विटामिन और प्रोटीन से युक्त खाना लें।
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