कई बच्चे नींद में दांत पीसते हैं, डॉक्टरी भाषा में इस आदत को ब्रक्सिज्म कहते हैं। इसके प्रमुख कारण इस प्रकार हैं –
ऊपर और नीचे के दांत एक-दूसरे पर ठीक से सेट न हो पाना, दांत निकलने वाले हों या बच्चे के कान में दर्द हो रहा हो, बच्चा किसी तनाव या गुस्से में हो, बच्चा घुटन महसूस करता हो या किसी दवा विशेष के साइड इफेक्ट के कारण भी बच्चे मे दांत किटकिटाने या दांत पीसने की समस्या हो सकती है।
दुष्प्रभाव – दांत पीसने से बच्चे के दांतों की इनैमल लेयर या दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। गाल या जीभ कट सकती है, जबड़ों के जोड़, मसूड़ों या चेहरे में दर्द हो सकता है। जोर से दांत पीसने पर दांत टूट कर सांस नली में अटक सकता है।
ऊपर और नीचे के दांत एक-दूसरे पर ठीक से सेट न हो पाना, दांत निकलने वाले हों या बच्चे के कान में दर्द हो रहा हो, बच्चा किसी तनाव या गुस्से में हो, बच्चा घुटन महसूस करता हो या किसी दवा विशेष के साइड इफेक्ट के कारण भी बच्चे मे दांत किटकिटाने या दांत पीसने की समस्या हो सकती है।
यह भी पढ़ें
बवासीर (पाइल्स) के उपचार के लिए कारगर है ये दवा
दुष्प्रभाव – दांत पीसने से बच्चे के दांतों की इनैमल लेयर या दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। गाल या जीभ कट सकती है, जबड़ों के जोड़, मसूड़ों या चेहरे में दर्द हो सकता है। जोर से दांत पीसने पर दांत टूट कर सांस नली में अटक सकता है।
इलाज –
– बच्चे के साथ प्यार से बातें करें और उसे मन की बातें खुलकर कहने दें।
– बच्चे को ज्यादा डरा-धमकाकर न रखें उसे रिलैक्स मूड में रहने दें।
– उसके सोने का समय निर्धारित करें और सोते वक्त उसे ऐसी चीजें न खिलाएं जिनमें कैफीन हो।
– किसी दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप करवाएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
– बच्चे के साथ प्यार से बातें करें और उसे मन की बातें खुलकर कहने दें।
– बच्चे को ज्यादा डरा-धमकाकर न रखें उसे रिलैक्स मूड में रहने दें।
– उसके सोने का समय निर्धारित करें और सोते वक्त उसे ऐसी चीजें न खिलाएं जिनमें कैफीन हो।
– किसी दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप करवाएं।
यह भी पढ़ें
संक्रमण, लीवर सिरोसिस व खराब खानपान से होती है तिल्ली बढ़ने की तकलीफ
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।