उन्होंने कहा, होम्योपैथी मेडिसिन का उपयोग प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्पेनिश फ्लू जैसे महामारी से निजात पाने के लिए किया गया था। मैरिनो नामक एक शोधकर्ता ने पाया कि स्वाइन फ्लू और डेंगू से लड़ने के लिए होम्योपैथी मेडिसिन असरदार साबित हुई है।
क्लीनिक से जुड़े डॉ. कुशाल बनर्जी ने कहा, डेंगू और स्वाइन फ्लू के कारण मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम (एमओडीएस) से इंसान के जीवन को खतरा रहता है, लेकिन होम्योपैथिक मेडिसिन से मरीजों की स्थिती में सुधार लाने में मदद मिलती है। हमने गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) के मामलों में भी इसी तरह के सकारात्मक प्रभाव पाया है। लिहाजा, कोविड -19 जैसे संक्रामक रोग से लड़ने में भी होम्योपैथिक सलाह कारगार हो सकती है।