डर, घबराहट और बेचैनी से शुरू होता पैनिक अटैक, जानें क्या होता है पैनिक अटैक
क्या कहते हैं आंकड़े
लगभग 33त्न शहरी और 25त्न ग्रामीण आबादी उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से ग्रस्त है। ग्रामीण इलाकों में हर दस में से एक और शहरी आबादी में पांच में से एक व्यक्ति रक्तचाप की समस्या को कंट्रोल कर पाने में सफल है। गंभीर बात यह है कि 60-70 फीसदी लोगों को जब तक समस्या बढ़ न जाए, तब तक पता नहीं चलता है कि वह हाइपरटेंशन से ग्रसित है। क्या होता है ब्लड प्रेशर
अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार धमनी की दीवारों पर लंबे समय तक खून का दबाव बढऩा ही हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) है। हृदय कितना रक्त पंप करता और धमनियों में खून बहने की रफ्तार क्या है, इस आधार पर रक्तचाप के स्तर का निर्धारण होता है। धमनियां जितनी पतली होंगी, रक्तचाप उतना ही अधिक होता है। यह लाइफ स्टाइल डिजीज है।
यह सामान्यत सभी तरह से प्रभावित होता है। उम्र, पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली-खानपान में गड़बड़ी, तनाव, अधिक वजन, ज्यादा नमक खाना, अल्कोहल-धूम्रपान जैसी आदतें प्रमुख कारण हैं। किडनी की बीमारियां, कुछ ट्यूमर, रक्त वाहिकाओं में (जन्मजात) दोष या कुछ दवाओं से भी ऐसा हो सकता है।
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संभावित लक्षण
शुरुआत में इसके लक्षण कम या नहीं नजर आते हैं। लेकिन अधिकांश में अधिक पसीना आना, चिंता या तनाव जैसी स्थिति, बेचैनी, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन या चक्कर आना और लंबे समय तक समस्या रहने से खून की नलियों में परेशानी हो जाती है। मशीन में शंका है तो
अधिकतर लोगों के पास डिजिटल बीपी मीटर होता है। कई बार ये शंका हो जाती है कि मीटर ठीक से काम नहीं कर रहा है। ऐसा है तो दो-तीन बार नापें। फिर भी समझ नहीं आ रहा है तो किसी ऐसे व्यक्ति का चेक करें जो बीपी की दवा नहीं लेता है।
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सही दिनचर्या का महत्त्व
दिनचर्या नियमित रखें। तनाव कम करने वाले उपाय करें। नियमित योग-व्यायाम-ध्यान करें। डाइट में वजन बढ़ाने वाली चीजें और हाई सोडियम डाइट से बचें। नशा न करें। बीपी के मरीजों को रोजाना सभी तरह से ढाई ग्राम से अधिक नमक न खाएं। चेक करते समय ध्यान
भोजन के 2 घंटे बाद बीपी चेक करें। तुरंत बाद करने से बचें। एक्सरसाइज, कैफीन वाले ड्रिंक्स चाय-कॉफी पीने, सिगरेट पीने के कम से कम 30 मिनट बाद ही बीपी नापें। बीपी चेक करने से पहले कुछ देर रिलेक्स करें। बीपी की रीडिंग ले रहे हैं तो बाजू 80 फीसदी तक कवर रहे। 3-3 मिनट से दो बार जांचें।
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जानें किससे, कितना कम होता है बीपी (High Blood Pressure)
– कम सोडियम लेते हैं शुरुआती चरण में उच्च रक्तचाप में मददगार है। 3-6 एमएमएचजी तक रक्तचाप कम हो जाता है।
– वजन कम करें। करीब 10 फीसदी वजन घटाकर सिस्टोलिक रक्तचाप को लगभग 10 से 20 एमएमएचजी तक कम किया जा सकता है।
– अल्कोहल लेना बंद करें। इससे ब्लड प्रेशर में 2-4 एमएमएचजी की कमी कर सकते हैं।
– योग, प्राणायाम, व्यायाम जैसे एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें। इससे रक्तचाप 5 से 8 एमएम एचजी कम होता है।
– धूम्रपान छोड़ते हैं तो इसमें ज्यादा असर देखने को मिलता है। सिस्टोलिक और डायस्टोलिक उच्च रक्तचाप की सीमा को कम करने पर बड़ा प्रभाव डालता है। हाई बीपी के नुकसान ज्यादा बीपी के शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। हार्ट अटैक या स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, किडनी पर बुरा असर, आंखों के ब्लड वेसल्स पर बुरा असर, डिमेंशिया, याददाश्त कमजोर आदि।
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…तो बीपी चार्ट बनाएं जब किसी को बीपी की समस्या होती है तो उसको बीपी चार्ट बनाना चाहिए। रोज तीन बार नापें। उसमें बीपी मापने का समय और रीडिंग लिखें। सात दिन की रिपोर्ट के आधार पर इलाज तय होता है।