कब होता यह टैस्ट-
– थकान, कमजोरी, बुखार, चोट होने पर
– कभी भी करा सकते हैं जांच
– अचानक वजन घटने, खून की कमी, पॉलिसाइथिमिया, इंफेक्शन, रक्त विकार, सर्जरी से पहले, किसी हिस्से में रक्तस्त्राव होने के अलावा कुछ विशेष कैंसर जैसे लिम्फोमा, ल्यूकेमिया व बोनमैरो से जुड़े रोगों को पता लगाने के लिए यह टैस्ट किया जाता है।
कभी भी करा सकते जांच-
अधिकतर टैस्ट से पहले कुछ तैयारी व सावधानी रखनी होती है। लेकिन सीबीसी में कोई परहेज जरूरी नहीं। यह जांच फाइव या थ्री पार्ट डिफरेंशियल मशीन से की जाती है।
– थकान, कमजोरी, बुखार, चोट होने पर
– कभी भी करा सकते हैं जांच
– अचानक वजन घटने, खून की कमी, पॉलिसाइथिमिया, इंफेक्शन, रक्त विकार, सर्जरी से पहले, किसी हिस्से में रक्तस्त्राव होने के अलावा कुछ विशेष कैंसर जैसे लिम्फोमा, ल्यूकेमिया व बोनमैरो से जुड़े रोगों को पता लगाने के लिए यह टैस्ट किया जाता है।
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कभी भी करा सकते जांच-
अधिकतर टैस्ट से पहले कुछ तैयारी व सावधानी रखनी होती है। लेकिन सीबीसी में कोई परहेज जरूरी नहीं। यह जांच फाइव या थ्री पार्ट डिफरेंशियल मशीन से की जाती है।
कैसे होती है जांच –
सीबीसी जांच के लिए ब्लड का सैंपल लेते हैं। ब्लड में सेल्स की संख्या व आकार के साथ हिमोग्लोबिन/हिमैटोक्रिट देखते हैं। इसके आधार पर रोग पकड़ में आता है।
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सीबीसी जांच के लिए ब्लड का सैंपल लेते हैं। ब्लड में सेल्स की संख्या व आकार के साथ हिमोग्लोबिन/हिमैटोक्रिट देखते हैं। इसके आधार पर रोग पकड़ में आता है।
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आपको सीबीसी टेस्ट कितनी बार लेना चाहिए?
CBC test kitni bar lena chahiye? – सीबीसी परीक्षण आमतौर पर अंतर्निहित निदान के आधार पर दोहराया जाता है। हर बीमारी के साथ, सीबीसी टेस्ट को दोहराने की आवश्यकता बदल जाती है। यदि हीमोग्लोबिन के स्तर को ट्रैक करने की आवश्यकता है, तो परीक्षण हर 1-3 महीने में दोहराया जाता है।
– यदि डेंगू या चिकनगुनिया जैसी तीव्र बमारी के दौरान प्लेटलेट काउंट की निगरानी की जाती है, तो सीबीसी परीक्षण हर दिन या हर वैकल्पिक दिन दोहराया जाता है। तीव्र बीमारियों के लिए अलग-अलग मापदंडों को ट्रैक करने के लिए सीबीसी परीक्षण हर हफ्ते या सप्ताह में दो बार दोहराया जाता है।
– आपकी वार्षिक स्वास्थ्य जांच के हिस्से के रूप में, सीबीसी परीक्षण वार्षिक रूप से दोहराया जाता है।
CBC test kitni bar lena chahiye? – सीबीसी परीक्षण आमतौर पर अंतर्निहित निदान के आधार पर दोहराया जाता है। हर बीमारी के साथ, सीबीसी टेस्ट को दोहराने की आवश्यकता बदल जाती है। यदि हीमोग्लोबिन के स्तर को ट्रैक करने की आवश्यकता है, तो परीक्षण हर 1-3 महीने में दोहराया जाता है।
– यदि डेंगू या चिकनगुनिया जैसी तीव्र बमारी के दौरान प्लेटलेट काउंट की निगरानी की जाती है, तो सीबीसी परीक्षण हर दिन या हर वैकल्पिक दिन दोहराया जाता है। तीव्र बीमारियों के लिए अलग-अलग मापदंडों को ट्रैक करने के लिए सीबीसी परीक्षण हर हफ्ते या सप्ताह में दो बार दोहराया जाता है।
– आपकी वार्षिक स्वास्थ्य जांच के हिस्से के रूप में, सीबीसी परीक्षण वार्षिक रूप से दोहराया जाता है।
– सीबीसी टेस्ट के अन्य नामः (Other names of CBC Test in Hindi)
– सीबीसी विथ डिफरेंशियल काउंट्स (CBC With Differential Counts)
– हैमोग्राम (Haemogram)
– खून की पूरी तस्वीर (Complete Blood Picture)
– पूरी खून की गणना (Full Blood Count)
यदि निम्नलिखित लक्षण हैं तो एक सीबीसी परीक्षण किया जाता है थकान
कमजोरी
आसान चोट या खून बह रहा है
संक्रमण
चक्कर आना
बुखार
मतली
उल्टी करना
जलन के साथ सूजन
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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