क्यों आते हैं खर्राटे
ज्यादातर लोगों को लगता है कि खर्राटे आने की वजह ज्यादा थकान है इसलिए वे इसे अनदेखा कर देते हैं। दरअसल सोते समय सांस में रुकावट खर्राटे आने की मुख्य वजह है। गले के पिछले हिस्से के संकरे हो जाने पर ऑक्सीजन संकरी जगह से होती हुई जाती है, जिससे आसपास के टिशू वाइब्रेट होते हैं। इसी से खर्राटे आते हैं।
कई बार लोग पीठ के बल सोते हैं, जिससे जीभ पीछे की तरफ जाकर लग जाती है, जिससे सांस लेने और छोडऩे में रुकावट आने लग जाती है। इससे सांस के साथ आवाज और वाइब्रेशन होने लगता है।
नीचे वाले जबड़े का छोटा होना भी खर्राटे आने का एक कारण है। जब व्यक्ति का जबड़ा सामान्य से छोटा होता है तो लेटने पर उसकी जीभ पीछे की तरफ हो जाती है और सांस की नली को ब्लॉक कर देती है। ऐसे में सांस लेने और छोडऩे के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है, जिस कारण वाइब्रेशन होता है।
नाक की हड्डी टेढ़ी होने या मांस बढऩे से भी सांस लेने के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है और सांस के साथ आवाज आती है।
ज्यादा वजन बढऩे से गर्दन पर मांस लटकने लगता है। एक्स्ट्रा मांस से सांस की नली दब जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। डॉ. एके शास्त्री, मुजफ्फरनगर, उप्र.
ऐसे करे कंट्रोल
अगर खर्राटे आने का कारण ज्यादा वजन है तो समय रहते वजन कंट्रोल करें। डाइटीशन से संपर्क कर खाने की आदत बदलें। जिम जॉइन करें। नियमित योग और एक्सरसाइज करने से वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।
पीठ के बल सोने की बजाय करवट लेकर सोएं। इससे सांस की नली में रुकावट नहीं होती। सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोएं।
नाक की हडï्डी में समस्या हो या फिर मांस बढ़ा हो तो डॉक्टर से समय रहते मिलें। कई बार प्रेग्नेंसी में वजन बढऩे या सोने की स्थिति सही न होने पर भी खर्राटे आते हैं। ऐसे में करवट लेकर सोना चाहिए।