श्रवण शक्ति होती है प्रभावित
कान में सूक्ष्म संरचनाएं होती हैं जिनसे सुनाई देता है, लेकिन तेज आवाज से कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है और संवेदी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
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शुरुआती लक्षण
शुरुआत में कुछ घंटों तक कम सुनाई देना, सीटी की आवाज आना, ठीक से सुनाई न देना, गैजेट्स की आवाज तेज करने की जरुरत पडऩा, भीड़भाड़ वाली जगहों पर आवाज समझने में परेशानी होना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द आदि।
85 डीबी, 8 घंटे तक सुरक्षित
आवाज का स्तर नापने के लिए डेसिबल यूनिट इस्तेमाल की जाती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 85 डेसिबल से कम आवाज अधिकतम 8 घंटे तक ही सुरक्षित मानी गई है। इसमें हर तीन डीबी बढ़ोतरी पर सुरक्षित रहने का समय आधा हो जाता है। 140 डीबी आवाज बहरा कर सकती है।
बचाव के उपाय
तेज शोर वाली जगह जाने से बचें। मोबाइल या म्यूजिक सिस्टम कम काम लें व अनुकूल आवाज रखें।
तेज शोर के कारण हुए बहरेपन का फिलहाल बचाव ही इसका एकमात्र उपचार है।
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आवाज का स्तर
20 डेसिबल फुसफुसाना
60 डेसिबल सामान्य बातचीत
75 डेसिबल वैक्यूम क्लीनर, वॉशिंग मशीन या टॉयलेट फ्लश
85 डेसिबल ट्रैफिक का शोर
95 डेसिबल बाइक, ट्रक व हैंड ड्रिल
100 डेसिबल डिस्को, जहां म्यूजिक सिस्टम एक मीटर की दूरी पर हो
105 डेसिबल स्पोट्र्स इवेंट्स, स्टीरियो
110 डेसिबल रॉकबैंड, कान में चिल्लाना
140 डेसिबल जेट इंजन का टेक ऑफ होना, गन शॉट की आवाज आना और पटाखे या बम के धमाके की आवाज
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।