
कैंसर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं देने पर यह गंभीर स्थिति में चला जाता है। महिलाओं में प्रजनन तंत्र से संबंधित कैंसर में मुख्यत: गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स), अंडाशय और यूट्रस का कैंसर व ब्रेस्ट कैंसर होता हैं। कैंसर के लक्षणों को लेकर सतर्क रहें और इसकी स्क्रीनिंग को लेकर सजग रहें।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो किसी एक कोशिका या अंग से शुरू होकर अन्य अंगों या कभी-कभी पूरे शरीर में फैल जाती है। शुरुआती स्तर पर इसके निदान से कैंसर का सफल इलाज संभव है।
ब्रेस्ट कैंसर
महिलाओं में सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। सामान्य ब्रेस्ट चेकअप से इसका पता लगाया जा सकता है। लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
लक्षण: ब्रेस्ट में गांठ होना, इनके आकार में बदलाव या सूजन, निप्पल का अंदर धंसना व इससे तरल विशेषकर खून का रिसाव, ब्रेस्ट की चमड़ी में बदलाव नजर आना (नारंगी के छिलके की तरह होना) लक्षण हैं।
जरूरी बातें :
स्क्रीनिंग गाइडलाइन की पालन करें। यह 21 वर्ष की उम्र से शुरू होती है। वर्ष में एक बार डॉक्टर से ब्रेस्ट जांच करवाएं।
40 वर्ष के बाद चिकित्सक की राय से एक-दो वर्ष में मेमोग्राफी करवाएं।
रिसर्च बताते हैं, हर माह माहवारी के बाद स्वयं ब्रेस्ट परीक्षण करें तो शीघ्र पहचान कर सकते हैं। शुरुआती स्टेज में सफल इलाज होता है।
अंडाशय का कैंसर: यह कम होता है, पर लक्षण आम होने से इसका पता देरी से चलता है। लक्षणों में अपच, भूख की कमी, पेट फूलना, कब्ज तो कभी दस्त होना आदि होते हैं।
सर्विक्स का कैंसर
इस कैंसर से 100 प्रतिशत बचाव संभव है। यह कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से होता है। इसमें टीका भी है जो 10-26 वर्ष तक की लड़कियों व महिलाओं को लगाया जाता है।
लक्षण: मेनोपॉज बाद रक्तस्त्राव व दुर्गंधयुक्त श्वेत प्रदर आता है।
जरूरी बातें: 25 वर्ष की उम्र से स्क्रीनिंग के लिए पैप स्मीयर टेस्ट व एचपीवी डीएनए टेस्ट जो कि 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में किया जाता है।
गर्भाशय का कैंसर
गर्भाशय के कैंसर में सबसे अधिक 'एंडोमेट्रियल कैंसर' पाया जाता है। यह बच्चेदानी के अंदर की परत (एंडोमेट्रियम) से होता है। लक्षण: अनियमित रक्तस्त्राव,
रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्त्राव या श्वेत प्रदर।
जरूरी बातें: इसकी कोई स्क्रीनिंग गाइडलाइन नहीं हैं। लक्षण जल्दी दिखाई देते व धीरे-धीरे फैलता है। समय पर विशेषज्ञ परामर्श से इसका शुरुआती अवस्था में निदान व सफल इलाज संभव है।
अपनाएं कुछ नियम
संयमित व नियमित जीवनशैली, संतुलित व पोषक आहार, नियमित व्यायाम व वजन निंयत्रण, कैंसर के लक्षणों के प्रति सजगता, गाइडलाइन के मुताबिक बचाव व स्क्रीनिंग, विशेषज्ञ आधारित परामर्श आदि अपनाकर कैंसर से बचाव व सफल इलाज संभव है।
Updated on:
15 Aug 2023 05:22 pm
Published on:
15 Aug 2023 05:14 pm
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