क्या न करें
ज्यादा व्यायाम न करें – हृदय रोगियों के लिए कहा गया है ‘व्यायाम तीक्ष्णादि विवेक वस्ति चिंता भय त्रास। अतिव्यायाम, चिंता व भय-त्रास जैसी स्थितियों से बचें।
रात्रि भोजन निषेध – आयुर्वेद में रात्रि भोजन को नरक का द्वार बताया गया है। सूर्यास्त से पहले भोजन करेंगे तो उसका पाचन बेहतर होगा।
क्रोध और रोष न दिखाएं – कोशिश करें कि क्रोध पर संयम रख सकें। धूम्रपान व मद्यपान से बचें – न केवल धूम्रपान से, बल्कि कोई धूम्रपान कर रहा हो, उसके नजदीक भी न बैठें। खुद भी नशा न करें।
हृदय रोग में आहार पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद में 12 माह में जिन चीजों का निषेध बताया गया है, ऐसी चीजों से बचें। जैसे कहा गया है कि सावन साग, भादो दही, क्वार करेला और कार्तिक मही आदि इस कहावत को फॉलो करें।
मूंग की दाल फायदेमंद है।
गेहूं की बजाय जौ की रोटी खाएं। जौ ही हमारी भारतीय आहार संस्कृति का हिस्सा है।
लौकी का रस पीएं।
चोकरयुक्त अनाज खाएं। एक वर्ष पुराना अनाज उपयोग में लें।
तुलसी, गुड़ और सेंधा नमक का नियमित सेवन करें। समुद्री नमक न खाएं।
सामान्य आचरण अपनाएं।
अगर 40 की उम्र के बाद व्यायाम के लिए कुछ बातें ध्यान रखें। अमरीका के हैल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज विभाग ने एक फिजिकल एक्टिविटी गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत फिट वयस्क सप्ताह में 150 मिनट मॉडरेट इंटेंसिटी या 75 मिनट कठिन व्यायाम कर सकते हैं। एक अन्य (कोपेनहेगन सिटी हार्ड) स्टडी के अनुसार, लाइट जॉगिंग की तुलना में अत्यधिक जॉगिंग करने वालों में हृदयाघात की आशंका 9 फीसदी ज्यादा थी।