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दरअसल, हाई कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है कि जिसमें एक नाबालिग ने 12 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के लिए तत्काल टीकाकरण के निर्देश देने का अनुरोध किया है। इसमें दलील दी गई है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह जानकारी दी है।
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हाई कोर्ट ने यह कहा कि अगर कोविड-19 टीकों को बिना क्लीनिकल ट्रायल के लगाया जाता है, तो यह आपदा होगी। केंद्र सरकार परीक्षण के बाद ही 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को जल्दी से टीका उपलब्ध कराएं। केंद्र ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं और यह जल्द ही पूरा होने वाला है। विशेषज्ञों से अनुमति मिलने के बाद ही बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई छह सितंबर को निर्धारित की है।