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Cold and flu : एक जैसे इन्फेक्शन हैं कोल्ड और फ्लू, तुरंत करें इलाज , जानिए कैसे पहचाने

Cold and flu : कोल्ड (जिसे वायरल राइनाइटिस भी कहा जाता है) इससे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (श्वसन संक्रमण) भी होता है जो 200 से ज्यादा वायरस में से एक का कारण हो सकता है। सबसे आम राइनोवायरस हैं, जो 40% तक सर्दी पैदा करते हैं

Jul 17, 2023 / 10:36 am

Manoj Kumar

common cold and flu

Cold and flu : कोल्ड (जिसे वायरल राइनाइटिस भी कहा जाता है) इससे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (श्वसन संक्रमण) भी होता है जो 200 से ज्यादा वायरस में से एक का कारण हो सकता है। सबसे आम राइनोवायरस हैं, जो 40% तक सर्दी पैदा करते हैं, ज्यादातर शुरुआती ऑटम (शरद ऋतु) और स्प्रिंग (वसंत ऋतु) में। दूसरे वायरस जो सर्दी को प्रभावित कर सकते हैं उनमें एडेनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस और मौसमी कोरोना वायरस भी शामिल हैं । कोल्ड का अक्सर नाक और मुंह के संपर्क में आने, खांसने, छींकने या हाथ-से-हाथ लगाने से फैलती है।
बुखार इन्फ्लूएंजा (फ्लू के रूप में जाना जाता है) आमतौर पर इन्फ्लूएंजा ए या बी वायरस के कारण से होता है। ज्यादातर इस फ्लू का असर सर्दियों के दौरान होता है। इन्फ्लूएंजा वायरस ज्यादातर हवा के जरिए या किसी संक्रमित व्यक्ति ( इन्फेक्टेड पर्सन) के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। अक्टूबर और नवंबर में फ्लू के मौसम की शुरुआत हो जाती है इसलिए वार्षिक फ्लू का टीका लगवाने से फ्लू होने के आसार कम हो जाते है ।
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कॉमन कोल्ड के लक्षण और इलाज :
कॉमन कोल्ड की वजह से ऐसे लक्षण होते हैं जो सिर और छाती पर सीधा असर करते हैं जैसे गले में खराश, बहती नाक, छींक आना और परेशान करने वाली खांसी। थकान और सामान्य दर्द भी आम है। इसका असर ज्यादातर संक्रमण के दूसरे से चौथे दिन ज्यादा दिखता है और लगभग एक सप्ताह तक रहते हैं। लोग इस बीमारी के पहले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा संक्रामक रहते हैं। और आमतौर पर तब तक संक्रामक रहते हैं जब तक उनमें लक्षण होते हैं। 25% तक लोगों में लगातार लक्षण हो सकते हैं जो कई हफ्तों तक बने रह सकते हैं।

कॉमन कोल्ड के लिए कुछ उपचार जिससे मिलेगा आराम :
– पर्याप्त आराम करना चाहिए -बहुत सारे तरल पदार्थ पीना
– गले की खराश को कम करने के लिए गर्म नमक के पानी से गरारे करने चाहिए-गर्म शॉवर, वेपोराइज़र,या ह्यूमिडिफ़ायर से भाप लेना चाहिए और नॉन-वेज खाने से परहेज करना चाहिए
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कॉमन कोल्ड से नाक और गले में होने वाली परेशानियां :
पेन :एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) हल्के से दर्द से राहत दिला सकता है। इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन) और नेप्रोक्सन सोडियम (एलेव) जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) भी दर्द और सूजन में मददगर साबित होती हैं ।

ब्लॉकेज :
स्यूडोएफ़ेड्रिन (सूडाफेड, एडविल कोल्ड एंड साइनस, अन्य), फिनाइलफ्राइन (सूडाफेड पीई, नियो-सिनफ्रिन, अन्य) और ऑक्सीमेटाज़ोलिन नेज़ल स्प्रे (अफ़्रीन) जैसे एलिमेंट्स नाक में ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिकाएं) को संकरा करते हैं जिससे ब्लॉकेज में राहत मिलती है।
गाढ़ा कफ आना :
खांसी हमेशा बुरी नहीं होती क्योंकि यह छाती में ब्लॉकेज करने करने वाले ज्यादा कफ को ढीला करने और निकालने में भी मदद करती है। लेकिन अगर ज्यादा बढ़ जाती है तो इससे सोने में भी परेशानी होती है । डेक्सट्रोमेथोर्फन (ट्रायमिनिक कोल्ड एंड कफ, अन्य), गुइफेनेसिन (म्यूसीनेक्स)(रोबिटसिन मैक्सिमम स्ट्रेंथ, अन्य) जैसी दवाइयों का इस्तेमाल कफ के लिए करें । कुछ समय के लिए खांसी या खांसी आने को दवाएं रोक देती हैं जबकि एक्सपेक्टोरेंट कफ को पतला कर देती है जिससे इसे हमारी नाक से निकलने में आसानी होती है ।

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फ्लू के लक्षण और इलाज:
-फ्लू का मौसम आम तौर पर अक्टूबर या नवंबर में शुरू होता है और दिसंबर और फरवरी के बीच चरम पर होता है। लेकिन यह फ्लू का सिलसिला हांलांकि मई के लास्ट तक बना रहता है ।
-फ्लू की बीमारी और उसके लक्षण लोगों की अलग-अलग उम्र और उनके मेटाबोलिज्म के हिसाब से भी अलग हो सकती है लेकिन यह एक बीमारी सांसो से फैलने वाला एक तरीका का वायरस है जो की हमारे शरीर के दूसरे ऑर्गन्स को भी प्रभावित कर सकता है।
यह सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
-नॉर्मल से हाई बुखार (101 से 103 डिग्री फ़ारेनहाइट)
-सर्दी लगना-मसल्स और जॉइंट्स में दर्द
-सिर दर्द-थकान
-खांसी -गले में दर्द और खराश
-बहती हुई नाक-चक्कर आना

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इन्फ्लूएंजा के लक्षण आमतौर पर लगभग चार से पांच दिनों तक रहते हैं लेकिन 24 घंटे से लेकर एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं। जब तक आपमें लक्षण हैं, आप संक्रामक हैं। जब तक आप संक्रामक हो तब तक आप नोरमल कोल्ड की तरह ही खुद का ध्यान रखना चाहिए आमतौर पर हम सामान्य बुखार और सर के दर्द के होने पर एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसी दवाये लेनी चाहिए इसके अलावा, एंटीवायरल दवाएं फ्लू के लक्षणों को कम कर देती हैं और बीमारी को जल्दी ही ठीक कर देती हैं। इन दवाओं में ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू), ज़नामिविर (रेलेंज़ा), बालोक्सविर मार्बॉक्सिल (एक्सओफ्लुज़ा), और पेरामिविर (रैपिवैब) भी शामिल हैं। न दवाइयों को लक्षण दिखने के बाद 36 घंटों के भीतर ले लेनी चाहिए। अगर फ्लू ज्यादा
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समय तक रह जाए तो उसमे कॉम्प्लीकेशन्स आ जाती है जैसे की निमोनिया में अगर कॉम्प्लीकेशन्स आजाए तो अस्थमा के दौरे, कान में इन्फेक्शन ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस, हार्ट की दूसरी बीमारियों में भी परेशानी आ जाती है ।
इन कॉम्प्लीकेशन्स में यह लक्षण शामिल है:
-छाती में दर्द-सांस लेने में कठिनाई
-कान का दर्द-बुखार जो चार दिनों के बाद भी नहीं जाता
-ऐसी खांसी जिसमें खून या गाढ़ा, दुर्गंधयुक्त बलगम निकलता हो

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