किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के एचओडी प्रोफेसर आनंद मिश्रा ने ग्लोबोकैन 2020 अध्ययन का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। प्रोफेसर मिश्रा ने कहा, “भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer) की घटनाओं में वृद्धि ने रोगियों के इलाज के लिए योग्य स्तन सर्जनों की आवश्यकता में नाटकीय रूप से वृद्धि की है।”
कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर मिश्रा ने कहा, “केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023, शुक्रवार से शुरू होने वाला दो दिवसीय सम्मेलन ‘आओ ऑन्कोप्लास्टी करें’ थीम के (oncoplastic surgery techniques) तहत प्रारंभिक स्तन कैंसर (Breast Cancer) निदान और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
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कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर मिश्रा ने कहा, “केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023, शुक्रवार से शुरू होने वाला दो दिवसीय सम्मेलन ‘आओ ऑन्कोप्लास्टी करें’ थीम के (oncoplastic surgery techniques) तहत प्रारंभिक स्तन कैंसर (Breast Cancer) निदान और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. कुल रंजन सिंह ने कहा, “नई प्रौद्योगिकियों ने स्तन कैंसर (Breast Cancer) की शीघ्र पहचान करने के तरीके को बदल दिया है, और उपचार सर्जरी से स्तन-संरक्षण सर्जरी तक बदल गया है। ऑन्कोप्लास्टिक स्तन सर्जरी (Oncoplastic breast surgery) में नई सर्जिकल तकनीकें शामिल हैं जो स्तन के आकार और समरूपता को बनाए रखते हुए कैंसर के इलाज को अनुकूलित करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी के साथ कैंसर सर्जरी ( breast-conserving surgery) के सिद्धांतों को जोड़ती हैं।
एससी त्रिवेदी मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता शुक्ला ने कहा, “भारत में महिलाएं आमतौर पर बीमारी से संबंधित लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं। देरी से निदान का एक कारण यह है और दूसरा, वे तब तक इलाज से बचते हैं जब तक कि इससे उन्हें परेशानी न हो।”
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(आईएएनएस)