आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल जब तक हाई नहीं होता उसके लक्षण नहीं दिखते। इसलिए अगर कोलेस्ट्रॉल के संकेत अगर आपके पैरों में नजर आ रहे तो उसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। हाई कोलेस्ट्रॉल का मतलब है कि आपकी धमनियों में बहुत अधिक मोम जैसा चिपचिपी वसा जमा हो चुकी है। कोलेस्ट्रॉल का निर्माण लिवर ही करता है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा होने से धमनियां ब्लॉक होने लगती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैर पर असर सबसे पहले इसलिए होता है, क्योंकि पैर से हार्ट तक जाने वाली धमिनयों में ब्लॉकेज के कारण पैरों में सही ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता।
– पैरों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिखते हैं ये 6 लक्षण
– पैरों की स्किन का रंग बदलना। पीला या नीला पड़ जाना
– तलवों में सुन्नाहट सा महसूस होना।
– पैरों में घाव का जल्दी सही न होना।
– तलवों में छाले पड़ना और ठीक न होना।
– पैर की उंगलियां ठंडी हो जाना।
– पैरो या उंगलियों में सुन्नाहट।
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– पैरों की स्किन का रंग बदलना। पीला या नीला पड़ जाना
– तलवों में सुन्नाहट सा महसूस होना।
– पैरों में घाव का जल्दी सही न होना।
– तलवों में छाले पड़ना और ठीक न होना।
– पैर की उंगलियां ठंडी हो जाना।
– पैरो या उंगलियों में सुन्नाहट।
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पैर में अन्य लक्षण में मासपेशियों में कमजोरी, पैरों का दर्द होना खास कर पिंडलियों में। वहीं, पैरों के बाल का झड़ना, चिकनी, चमकदार स्किन हो जाना, स्किन ठंडी रहना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत है। जोखिम को कैसे कम करें
असंतृप्त वसा वाली चीजें लें जैसे जैतून, सूरजमुखी, मक्का, रेपसीड, अखरोट और बीज के तेल आदि।
साथ ही सप्ताह में कम से कम 150 मिनट यानी करीब 2.5 घंटे की एक्सरसाइज जरूर करें। इसके लिए आप तेज चलना, साइकिल चलना या तैराकी कुछ भी चुन सकते हैं।
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